RAKSHA BANDHAN KI SHUBHKAMNAYEN


RAKSHA BANDHAN

 

रेशम के कच्चे धागों से बना सच्चा बंधन

पवित्र प्रेम का है साक्षी, पावन रक्षाबंधन ।।

 

माथे अक्षत तिलक लगावे,,मांगे भाई से वर

रक्षा करना भाई,जब भी सुनना मेरी पुकार ।।

 

ना चाहे मुझे सोना चांदी,ना हीरे ना मोती

रहे सदा खुशहाल भैय्या,आशाएं पुरी होती ।।

 

आज का पावन दिन, उम्मीदें लेकर आया

खुशियों की आमद हो,राखी लेकर आया ।।

 

लाज बचे बहना की,अब ना देश में चीत्कार हो

शैतानी नजर ना पड़े किसी की,ऐसा चमत्कार हो ।।

 

आज के दिन ईश्वर से बहना,करती यही विनती

राखी के धागों संग मन में यही ख्वाब है बुनती ।।

 

मुसीबत में दौड़े चले आना,ना करवाना इंतजार

रक्षाबंधन का उपहार ,आना छोड़ काम हजार ।।

-बलवंतसिंह हाड़ा

9753754722

 

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