www.maujshahi.com

एक किताब छपी थी 1995 में हमारे साहेब की उस वक्त जो फरमाया किताब के बारे में कुछ खास है -
इस किताब में हकीकत से मिली हुई भीख जमा है। भीख पाने के लिए दस्तक ऐसी ड्योढ़ियों पर दी गई है जिन्होंने ने अपने जमाने में जानवर को आदमी और आदमी को इंसान बनाया। हर वो अक्ल जो पैदाइश से सही है जब रूहानी दरिया (अध्यात्मिक नदी) की इस कश्ती में पार उतरने के लिए सफर शुरू करेगी तब एहसास होगा कि इस जमा की गई भीख का हर टुकड़ा सफर के लिए जरूरी ताकत पहुंचाता है कि जिंदगी के हर भंवर से गुजर जाने की तौफीक मिल जाए। मैं जिन सूफियों का जिक्र कर रहा हूं उन्होंने सचमुच मजहबे इश्क बरता और जब सूफी अपनी राह से हटा और बहुत ही घटिया मजहबी लोगों से जुड़ा तो अपनी आसमानी सिफतें (quality) खोकर दरबदरी को पहुंचा। कुछ भी हो जब हम इसके मानने वाले मौजूद हैं तो क्यों सोचें कि मौजूद नहीं और जब आज के इस दौर में मौजूद है तो सबूत है कि मौजूद ही रहेगा।
 उस किताब में सूफी संतों की जीवनी और उनसे जुड़े किस्से दर्ज हैं।
ये किताब www.maujshaahi.com. पे आप पढ़ सकते हैं।

Comments

Popular posts from this blog

SRI YOGI ADITYANATH- CHIEF MINISTER OF UTTAR PRADESH

आतिफ आउट सिद्धू पर बैंड

Ghazal Teri Tasveer Se Baat Ki Raat Bhar- Lyric- Safalt Saroj- Singer- P...