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Showing posts from November, 2017

MEHFIL-E-GHAZAL

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दोस्तों , कल 27.11.2017 शाम पी. रोड निवासी श्री ए. के. जैन की पुत्री सुश्री सोमा जैन की रिंग सरेमोनी के अवसर पर होटल रॉयल क्लिफ में शानदार गीत संगीत की महफ़िल यानी की " लेडी संगीत " का आयोजन किया गया था | हमारी पूरी टीम के द्वारा संगीत की जो महफ़िल सजी वो फगवाड़ा तक गूँज गई | और हाँ सोमा जैन साहेब की सबसे छोटी पुत्री है | और मैं भाग्यशाली हूँ कि इनकी चारो बड़ी बेटियों के विवाह के अवसर पर मेरा ही संगीत का कार्यक्रम हुआ | इसे कहते हैं मोहब्बत अब न कोई जंग हारा कीजिये ।। अब बुलन्दी पर सितारा कीजिये । चाँद को ला दूं जमी पर आज ही । आप मुझको इक इशारा कीजिये ।। ~ NAVEEN MANI 

शायरी

जब गहन से हुआ काला तो क़मर ने सोचा, जुगनुओं ने ही मेरा नूर चुराया होगा। ~अख़तर किदवई

शायरी

ना चाहत के अंदाज़ अलग, ना दिल के जज़्बात अलग ! थी सारी बात लकीरों की, तेरे हाथ अलग मेरे हाथ अलग !!

SHAYRI

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चर्चाएँ  ख़ास हो तो  किस्से भी जरूर होते है ! उँगलियाँ भी उन पर ही उठती है,जो मशहूर होते हैं !! ,

ग़ज़ल

तपन को आजमाना  चाहता  है । समंदर सूख  जाना चाहता  है ।। तमन्ना वस्ल की लेकर फिजा  में। कोई मुमकिन बहाना चाहता है ।। जमीं की तिश्नगी को देखकर अब यहाँ बादल  ठिकाना चाहता है ।।...

Aapka vote

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राम राम दोस्तों, कानपुर की महापौर सीट पर भाजपा की श्रीमती प्रमिला पांडेय विजयी होंगी और अबतक के सारे रिकॉर्ड को ध्वस्त करते हुए विजय पताका फहराएंगी । हां पार्षद ज़रूर क्षे...

Good Morning

सुप्रभात, चंद  रिश्तेजो मेरी उम्र  भर  की  पूँजी  है ! उन्ही रिश्तों में शामिल है आपका भी नाम । प्रदीप श्रीवास्तव, ग़ज़ल गायक

शायरी

ज़मीन पाँव में, सर आसमान रखते है ! कौन है अपना-परा़या ये ध्यान रखते हैं !! रहे जो चुप तो ये, दुनियाँ नहीं जीने देगी ! बता दो सबको कि हम भी ज़बान रखते हैं !! - विष्णु सक्सेना

Suprbhat,

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सुप्रभात, इतने कड़वे न बनो कि कोई थूक दे, और इतने मीठे भी न बनो कि कोई निगल ले। प्रदीप श्रीवास्तव, ग़ज़ल गायक

सुप्रभात

सुप्रभात, हाल पूछ लेने से कौन सा हाल ठीक हो जाता है. बस तसल्ली हो जाती हे कि,इस भीड़भरी दुनिया में कोई अपना भी है. प्रदीप श्रीवास्तव, ग़ज़ल गायक

अमृतवचन

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सुप्रभात, बहुत सरल है, किसी को पसंद आना ! कठिन तो है हमेशा पसंद बने रहना !!

Shayri

कसूर तो बहुत किये थे ज़िन्दगी में ! पर सज़ा वहाँ मिली जहाँ बेकुसूर थे हम !!

Shayri

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बहुत ही ऊँचा कलाकार हूं ज़िंदगी के रंगमंच का ! मजाल है देखने वालों को दर्द दिख जाए !!

HPCL SONG BY PRADEEP SRIVASTAVA

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अमृत वचन

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सुप्रभात रूबरू मिलने का मौका हमेशा नहीं मिलता, इसलिए शब्दों से सब को छूने की, कोशिश कर लेता हूँ। प्रदीप श्रीवास्तव, ग़ज़ल गायक

मुशायरा

19 नवंबर को कानपुर में होने वाले मुशायरे में शिरकत करने वाले कवि/शायर स्थान: महिला महाबिद्यालय, किदवई नगर, कानपुर: आदरणीय नाज़ प्रतापगढ़ी साहब कार्यक्रम के अध्यक्ष आदरणीय सु...

Suprbhat

Suprabhat, It's very easy to be different, But very difficult to be better. PARDEEP SRIVASTAVA, Ghazal Singer