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Showing posts from August, 2019

Chaudhvin Ka Chand Ho- चौदवीं का चाँद हो - cover by Pradeep Srivastava ,...

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चौदहवीं का चाँद हो या आफ़ताब हो - रवी   / शकील बदायुनी मोहम्मद रफ़ी चौदहवीं का चाँद हो , या आफ़ताब हो जो भी हो तुम खुदा कि क़सम , लाजवाब हो ज़ुल्फ़ें हैं जैसे काँधे पे बादल झुके हुए आँखें हैं जैसे मय के पयाले भरे हुए मस्ती है जिसमे प्यार की तुम , वो शराब हो चौदहवीं का ... चेहरा है जैसे झील मे खिलता हुआ कंवल या ज़िंदगी के साज पे छेड़ी हुई गज़ल जाने बहार तुम किसी शायर का ख़्वाब हो चौदहवीं का ... होंठों पे खेलती हैं तबस्सुम की बिजलियाँ सजदे तुम्हारी राह में करती हैं कैकशाँ दुनिया-ए-हुस्न-ओ-इश्क़ का तुम ही शबाब हो चौदहवीं का ...

ग़ज़ल - लज़्ज़त-ए-ग़म बढ़ा दीजिये - Cover by Suman Singh

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दिल मे एक लहर से उठी है अभी - Pradeep Srivastava , Ghazal Singer

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जिसका कोई भी नहीं उसका ख़ुदा है यारो ! Singer & Composer PRADEEP SRIVASTAVA

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जिसका कोई भी नहीं उसका ख़ुदा है यारो ! मैं नहीं कहता किताबों मे लिखा है यारो !! मुड़ के देखूँ तो किधर और सदा दूँ तो किसे ! मेरे माज़ी ने मुझे छोड़ दिया है यारो !! इस सज़ा से तो तबीयत ही नहीं भरती है ! जिंदगी कैसे गुनाहों की सज़ा है यारो !! शब है इस वक़्त कोई घर न खुला पाओगे ! आओ मैख़ाने का दरवाज़ा खुला है यारो !! मैं अंधेरे मे रहूँ या मैं उजाले मे रहूँ ! ऐसा लगता है कोई देख रहा है यारो !! किससे दुख दर्द कहूँ किसको अब अपना समझूँ ! आज साया भी मेरा मुझसे जुड़ा है यारो !! इंतज़ार आज के दिन का था बड़ी मुद्दत से ! आज उसने मुझे दीवाना कहा है यारो !! ~ कृष्ण बिहारी नूर