SUFI GHAZAL -सूफ़ी ग़ज़ल - कश्ती है मोहब्बत की दरिया का कनारा है !- PRADEEP...



SUFI QALAM
KASHTI HAI MOHABBAT KI
कश्ती है मोहब्बत की दरिया का कनारा है !
वो जानो जिगर मेरे जीने का सहारा है !!
~ हज़रत मंज़ूर आलम शाह “कलंदर मौजशाही”

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