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Showing posts from February, 2017

कच्ची उम्र के उफानों में बह जाए वो इश्क ही क्या ! झुर्रियों में भी खिलखिलाए वो इश्क कमाल होता है !!

Love you

SHAYRI

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मुस्करा के मिले जो गले से कोई ! तो समझ लीजिये क़त्ल होने को है !! क्या ख़बर है के ख़न्जर छिपे हैं कहां ! आस्तीनों का कोई भरोसा नही !! रुकूँ तो मंज़िलें ही मंज़िलें हैं ! चलूँ तो रास्ता कोई नहीं है !! वो साथ न दे तो धूप तो क्या ! साये में भी चलना मुश्किल है !! 

KAL CHAUDHVIN KI RAAT THI Y SUMAN SINGH ON 17 5 2014

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BHAJAN SANDHYA AT KANPUR

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महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर आज दिनांक २४ फरवरी , २०१७ को आप सभी भजन संध्या में सपरिवार सादर आमंत्रित हैं ! स्थान: शिव मंदिर , मॉडल टाउन , पांडव नगर , कानपुर : समय : ७.३० से १० बजे तक    

Chap Tilak Sab Chini - Pradeep Srivastava Live performance

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मतदान ज़रूर करे

सुप्रभात, कमल खिला है पानी में मेरा वोट भाजपा केO

उत्तर प्रदेश में काम बोलता है ?

उत्तर प्रदेश में काम बोलता है ?  शाहजहांपुर के पत्रकार जगेंद्र सिंह की हत्या  यूपी के मंत्री के खिलाफ लिखने पर पत्रकार को जिंदा जलाया # काम बोलता है केवल लखनऊ में ही ड़ेंगू से १००० से अधिक मौत... # काम बोलता है मुजफ्फरनगर में दंगे, सैकड़ो मरे. टेंट में गुजारा #काम बोलता है परिवार के ऐरे गैरे नथ्थू खैरे सभी को महत्वपूर्ण पद.. परिवार वाद #काम बोलता है आईजी अमिताभ ठाकुर को फोन पर धमकी, उत्पीड़न #काम बोलता है हाईवे पर परिवार से बालात्कार एवं लूट.... #काम बोलता है उच्च शिक्षा आयोग में भष्टाचारियों की नियुक्ति, कोर्ट ने हटाया #काम बोलता है पिछले ५ वर्षों में उत्तर प्रदेश में १.३२ करोड़ बेरोजगार बढ़े...... #काम बोलता है पूरे पांच वर्ष बालू मोरंग की खदान होती रही और कह रहे है कि #काम बोलता है खुल कर पांच वर्ष कच्ची शराब बनती रही बिकती रही, कहीं कोई पकड़ धकड़ नहीं और कह रहे हैं कि काम बोलता है भाई अब तो हमने सोच लिया है कि हार जीत से मतलब नहीं मेरा वोट पक्का बी जे पी को और आपका वोट ? जागरूक बनिए

शशिकला दोषी करार, 4 साल की सजा, 10 करोड़ जुर्माना

शशिकला दोषी करार , 4 साल की सजा , 10 करोड़ जुर्माना तमिलनाडु में चल रहे सत्ता संघर्ष के बीच सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को अन्नाद्रमुक महासचिव वीके शशिकला के सियासी भाग्य का फैसला हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को शशिकला के खिलाफ चल रहे आय से अधिक संपत्ति के मामले में फैसला सुनाते हुए उन्हें दोषी करार दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने   हाई कोर्ट के फैसले को खारिज कर ट्रायल कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है। गौरतलब है कि   ट्रायल कोर्ट ने शशिकला को दोषी करार दिया था। दोषी पाए जाने का बाद अब शशिकला अगले 6 साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगी। सुप्रीम कोर्ट ने शशिकला को तुरंत सरेंडर करने का आदेश दिया है। ज्ञात हो कि इसी मामले में ट्रायल कोर्ट द्वारा दोषी करार दिए जाने के बाद शशिकला लगभग 6 महीने पहले ही जेल में काट चुकी हैं। अब सुप्रीम कोर्ट द्वारा दोषी पाए जाने के बाद शशिकला को 3 साल 6 महीनें जेल की सजा काटनी होगी। फैसले की मुख्य बातेंः - शशिकला को 4 साल की सजा - शशिकला 10 साल तक चुनाव नहीं लड़ सकती -10  करोड़ का जुर्माना भी देना होगा - सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को सही माना - शशि

जागरूकता ज़रूरी है

कृपया पूर्ण सत्यनिष्ठा से इस प्रश्न के उत्तर पर विचार करें ----     यदि आपको अपने आठ वर्षीय पुत्र को इनमें से किसी एक राजनेता के साथ पांच वर्ष के लिए रखना हो तो आप किस नेता के साथ रखना चाहेंगें जिससे कि आपके बेटे में विद्या/बुद्धि/विवेक/स्वास्थ्य/ चरित्र इत्यादि सद्गुणों का विकास हो ?    आपके विकल्प हैं -- 1.राहुल गांधी ? 2.मायावती ? 3.मुलायम सिंह यादव? 4.शिवपाल सिंह यादव?  5.लालू प्रसाद यादव?  6.ममता बनर्जी ? 7.अरविन्द केजरीवाल?  8.दिग्विजय सिंह? 9.नरेंद्र मोदी ? और यह याद रखें कि जिन लोगों के पास आप अपनी संतान को एक दिन के लिए भी नहीं छोड सकते. उसके हाथ में अपने देश/प्रदेश को न छोडें

JAB KABHI DIL PAR HAMARE GHAM KA BAADAL CHHA GAYA

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JAB KABHI DIL PAR HAMARE GHAM KA BAADAL CHHA GAYA जब कभी दिल पर हमारे ग़म का बादल छा गया ! ए मेरे ख़्वाजा तुम्हारा नाम लब पर आ गया !! जब भंवर में नाव चकराई फंसी मझधार में ! नाम लेते ही किनारे पर सफ़ीना आ गया !! आपसे जलवा है सारा और दुनिया कुछ नहीं ! आपसे हैं रौनकें जो पाने वाला पा गया !! कुछ नहीं है रूह की लज़्ज़त हरम की राह में !! बन्दए दिल वो बना जो आपका दर पा गया  !! ख़्वाजा मेरे आपके क़दमों में जब सर रख दिया ! रखियेगा अपनी नज़र हमको ये जीना आ गया !! ~ हज़रत शाह मंज़ूर आलम "कलंदर मौजशाही "

साम्प्रदायिक चश्मे से हिंदुस्तान

यह पोस्ट फिल्मों को भी साम्प्रदायिक चश्मे से देखने के सम्बन्ध में है । फिल्में अमूमन इस वायरस से मुक्त रही हैं और काफी हद तक अभी भी मुक्त हैं । कला , संगीत और साहित्य को सांप्रदायिकता के खांचों में रख कर नहीं देखा जाना चाहिए । हिंदी फिल्मों के कई प्रसिद्ध भजन मुस्लिम शायरों द्वारा लिखे , मुस्लिम संगीतकारों द्वारा सुर से सजाये, और मुस्लिम गायकों द्वारा गाये गए हैं । - vss. ज़रा गौर फरमाइये - ************ मन तडपत हरी दर्शन को आज गीतकार : शकिल बदायुनी गायक : मोहम्मद रफी संगीतकार : नौशाद फिल्म : बैजू बावरा (1952) . इंसाफ का मंदिर है, ये भगवान का घर है गायक -मोहम्मद रफी संगीत : नौशाद अली गीतकार : शकील बदायुनी फिल्म -अमर (1954) . हे रोम रोम में बसने वाले राम गीतकार : साहिर लुधियानवी गायक : आशा भोसले, रफी फिल्म : नीलकमल (1968) . ओ पालनहारे निर्गुण और न्यारे गीतकार - जावेद अख्तर संगीतकार :A. R. Rahman फिल्म - लगान (2001) . जय रघुनन्दन जय सियाराम गायक: मोहम्मद रफ़ी गीतकार: शकील बदांयुनी फिल्म -घराना (1961) . आना है तो आ राह में गीतकार - साहिर लुधियानवी संगीत - ओ पी नय्यर, खैयाम साहब गायक -

Shayri

JAI GANESH DEVA, LIVE ON 4TH JANUARY, 2017, A NEW COMPOSITION - PRADEEP...

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ओझल हो गए बिल्ला, नहीं दिखतीं बच्चों की टोलियां

विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी शबाब पर है, मगर चुनावी रंगत एकदम फीकी। मथुरा। विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी शबाब पर है, मगर चुनावी रंगत एकदम फीकी। पार्टी व प्रत्याशियों के बिल्ले तो अब ओझल ही हो चुके हैं। इन बिल्लों को इकट्ठा करने की जुगत करती गली-मोहल्लों में बच्चों की टोलियां भी अब यादों में ही बाकी हैं। अब तो बच्चों को अहसास भी नहीं कि चुनाव हो रहा है। इस सबके पीछे कारण है चुनाव आयोग की सख्ती। उसने प्रत्याशियों के खर्चों पर पाबंदी लगा रखी है, सो वे फूंक-फूंककर कदम रख रहे हैं। चुनावी शोर-शराबा सब चुनाव आयोग के अंकुश से दबकर रह गया है।बात यदि ढाई दशक पहले की करें तो भले ही बच्चों का चुनाव में कोई योगदान नहीं होता, मगर चुनाव के दौरान उनकी उमंग सिर चढ़कर बोलती थी। बिल्ले जुटाने की जुगत में गली-मोहल्लों में दौड़ लगाती बच्चों की टोलियां एक अलग ही चुनावी माहौल का अहसास कराती थीं। जब भी कोई प्रचार वाहन या रिक्शा गली-मोहल्लों में पहुंचता था तो बच्चों की टोलियां उसकी ओर दौड़ पड़ती थीं। बच्चों को इससे कोई सरोकार नहीं होता था कि वह प्रचार वाहन किस प्रत्याशी या दल का है। उनक

PILES-

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग कई बिमारियों से शिकार हो गये हैं उनमें से एक बवासीर नामक भी भयंकर बीमारी है आप इसे बवासीर या हैमरॉइड या तो पाइल्स के नाम से जानते हैं। यह कई प्रकार की होती है जैसे..... आइये बवासीर या हैमरॉइड या तो पाइल्स को अच्छे से जानते हैं : मलद्वार के अंत में जो शिरायें हैं उनमें सूजन आने के कारण या बढ़ जाने को ही वासीर या हैमरॉइड या तो पाइल्स कहते हैं। यह बवासीर को देखा जाये तो सेफेद रंग की मूली के जड़ के जैसी फेली हुई होती है। जो की मांस पेशी में अच्छी पकड़ के साथ होती है जिससे मल को त्यागने में बड़ी भयंकर कठिनाई आती है। कोई भी शीरा टाईट होकर किसी जगह से हटता है तो बहुत दर्द होता है और मल के साथ-साथ रक्त (खून) भी बाहर आने लगता है। कभी थोड़ा आता है और कभी ज्यादा आता है। आपको पता नहीं चलेगा और खनू गिरता रहेगा। है यह कभी अपने आप ठिक भी हो जाती है कभी ज्यादा बढ़ जाती है। कभी आप ऑपरेशन करवाते हैं तो कभी कभार कुछ हिस्सा अंदर ही छूट जाता है और वह फिर से बवासीर का रूप ले लेता है। इसको ध्यान में रखकर ओल्ड वेदा  आपके लिये लाया है बवासीर का घरेलू और आसान व सरल

LYRIC- LAGA CHUNRI ME DAAG

LAGA CHUNRI ME DAAG लागा चुनरी में दाग, छुपाऊँ कैसे चुनरी में दाग, छुपाऊँ कैसे, घर जाऊँ कैसे लागा चुनरी में दाग... हो गई मैली मोरी चुनरिया कोरे बदन सी कोरी चुनरिया जाके बाबुल से नज़रें मिलाऊँ कैसे, घर जाऊँ कैसे लागा चुनरी में दाग... भूल गई सब बचन बिदा के खो गई मैं ससुराल में आके जाके बाबुल से नज़रे मिलाऊँ कैसे, घर जाऊँ कैसे लागा चुनरी में दाग... कोरी चुनरिया आत्मा मोरी मैल है माया जाल वो दुनिया मोरे बाबुल का घर ये दुनिया ससुराल जाके बाबुल से नज़रे मिलाऊँ कैसे, घर जाऊँ कैसे लागा चुनरी में दाग... स्वर लिपि: आ.. धिम तानाना दिर्ग तानुम तान्ना देरे ना धिन  तानाना धिक् ता  नुम ता देरे ना धिन  तानाना धिक् ता  नुम ता देरे ना धिन  ना देरे देरे ताना देरे  ताना तुम्र ता धा रे तारे ता नि  धिम तानानानाना धिर धिर  धिर धिर धिर ता नि  ता नि ता न ता नि ता न  धिम तानाना दिर्ग तानुम  ताना देरे ना धिम तानाना दिर्ग ता  नुम ता देरे ना  सप्त सुर न तीन ग्राम  बंसी बाजे  रे सा सा नी, सा नी नी ध, नी ध ध प, प म म ग  म ध ग

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