यह पोस्ट फिल्मों को भी साम्प्रदायिक चश्मे से देखने के सम्बन्ध में है । फिल्में अमूमन इस वायरस से मुक्त रही हैं और काफी हद तक अभी भी मुक्त हैं । कला , संगीत और साहित्य को सांप्रदायिकता के खांचों में रख कर नहीं देखा जाना चाहिए । हिंदी फिल्मों के कई प्रसिद्ध भजन मुस्लिम शायरों द्वारा लिखे , मुस्लिम संगीतकारों द्वारा सुर से सजाये, और मुस्लिम गायकों द्वारा गाये गए हैं । - vss. ज़रा गौर फरमाइये - ************ मन तडपत हरी दर्शन को आज गीतकार : शकिल बदायुनी गायक : मोहम्मद रफी संगीतकार : नौशाद फिल्म : बैजू बावरा (1952) . इंसाफ का मंदिर है, ये भगवान का घर है गायक -मोहम्मद रफी संगीत : नौशाद अली गीतकार : शकील बदायुनी फिल्म -अमर (1954) . हे रोम रोम में बसने वाले राम गीतकार : साहिर लुधियानवी गायक : आशा भोसले, रफी फिल्म : नीलकमल (1968) . ओ पालनहारे निर्गुण और न्यारे गीतकार - जावेद अख्तर संगीतकार :A. R. Rahman फिल्म - लगान (2001) . जय रघुनन्दन जय सियाराम गायक: मोहम्मद रफ़ी गीतकार: शकील बदांयुनी फिल्म -घराना (1961) . आना है तो आ राह में गीतकार - साहिर लुधियानवी संगीत - ओ पी नय्यर, खैयाम साहब गायक - ...