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Showing posts from October, 2018

SHAYARI

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कल के हिन्दू और मुसलमां दे सकें तो दे जवाब ! आज इंसानो से इन्सां किसलिए बेज़ार हैं !! ~ कृष्णा बिहारी नूर

SUFI - TUM DIL KE NAGAR ME VIRAJAT HO- LYYRIC-HAZRAT SHAH MANZOOR AALAM-...

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MEDLEY-TUMKO DEKHA TO YE KHAYAL AAYA-KKAISE SUKUN PAUN-COVER & LIVE BY P...

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On the evening of 21st Oct, a grand "mehfil-e-ghazal" was   organised at the Atmosphere Restaurant, The Mall, Kanpur. Amazing audience, excellent food and wonderful ambience made this musical night a memorable one. Here is the copy of the live performance of   PRADEEP SRIVASTAVA “ MEDLEY-TUMKO DEKHA – KAISE SUKUN PAUN”   in Facebook (please bear with us as video quality is not so good) # +91 9984555545, Pradeep.ghazal@gmail.com https://youtu.be/6IR1xMd4xi0

MERE MAHBOOB QAYAMAT HOGE- COVER AND LIVE BY PRADEEP SRIVASTAVA

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KISI NAZAR KO TERA INTZAAR COVER & LIVE BY PRADEEP SRIVASTAVA & SUMAN SINGH

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KAL CHAUDHVIN KI RAAT THI- LIVE AND COVER BY SUMAN SINGH

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HAME TUMSEY PYAR KITNA - COVER & LIVE BY PRADEEP SRIVASTAVA

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GULABI ANKHEN JO TUNE DEKHI-COVER

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BAZM - E - MUSHAYRA - RUKHSAAR BALRAMPURI - PYAR DIL ME BASAA LIYA MAINE

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BAZM-E-MUSHAYRA - DR NAWAZ DEVBANDI- JIN PAR LUTA CHUKA THA MAIN

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BAZM-E-MUSHAYRA - KUNWAR JAVED - GEET AMAR KARDE AISEY ALFAAZ KAHAN SE...

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शायरी- मैंने तो देखा था....

मैंने तो देखा था बस एक नजर के खातिर ! क्या खबर थी की रग रग में समां जाओगे तुम !

SUFI QALAM - HE MORE MAULA ALI GUSAIYAN - LIVE PRADEEP SRIVASTAVA & GROUP

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Ghazal - Jaaney Kaun Radha Ko Baawri Banata Hai - Naaz Pratapgadhi

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शायरी

चलो फिर से मुकद्दर आजमाया जाए ! किसी को अपने दिल में बसाया जाए !! बहुत भटका किए हैं जिसकी तलाश में उसी के कसीदे में कोई गीत गाया जाए !! -राकेश नमित

शायरी

नफरत है जिसे पल भर में महसूस कर लिया जाता ! प्यार का यकीन करने में सारी जिंदगी भी कम पड़ जाती है !!

शायरी

वादा था मुकर गया, नशा था उतर गया ! दिल था भर गया, इंसान था बदल गया !!

शायरी

इश्क  को ना आप  रुस्वा कीजिए ! प्यार  करना  है तो सच्चा कीजिए !! गा  सको  तो गीत  गाओ प्यार के ! ज़िन्दगी गम का न हिस्सा कीजिए !! -लक्ष्मण दावानी

चतुर्थ राष्ट्रीय कवि सम्मेलन और मुशायरा, कानपुर

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दिनांक 13 अक्तूबर 2018 को स्थानीय मरचेंट चेम्बर प्रेक्षागार , कानपुर में सुप्रसिद्ध सूफ़ी संत हज़रत शाह मंज़ूर के चौथे मुबारक़ उर्स के मौके पर चतुर्थ राष्ट्रीय कवि सम्मेलन और मुशायरे का आयोजन “ साहब स्मृति फ़ाउंडेशन “ की संरक्षण मे सम्पन्न हुआ |     साहब स्मृति फ़ाउंडेशन की संस्थापक अध्यक्षा डॉक्टर इरा मिश्रा जी आज हुज़ूर साहब के मुरीदों मुरीदों को उनके बताये हुए इंसानियत के रास्ते पर ले जारही हैं   । इस कार्यकतम कि शरुआत दिल्ली से आये जनाब ज़ियाउल हसन साहब ने शम्मा रौशन करके किया । कार्यक्रम के प्रारम्भ में ईशा त्रिपाठी ने जहां संस्था के बारे में विस्तृत जानकारी दी वहीं सम्मेलन के अध्यक्ष प्रदीप श्रीवास्तव ने शायरों और कवि का परिचय और स्वागत किया । कार्यक्रम की शुरुआत अतीक़ फतेहपुरी ने अपने कलाम "भटकने वालों को जाते जाते