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Showing posts from June, 2019

Shayri

थाम   ले  हाथ  मेरा  आज   सवँर  जाने  दे ! अपने  बाहों  में  मुझे आज  बिखर  जाने दे !! आग  जो  दिल में मुहब्बत कि  लगी है मेरे ! अपने  दिल  मे  तू  उसे आज उत्तर जाने दे !! ~लक्ष्मण दावानी

SUFI - ऐसा जो कोई यार कहीं हो तो बताऊँ - SINGER PRADEEP SRIVASTAVA

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सूफ़ी कलाम:-   ऐसा जो कोई यार कहीं हो तो बताऊँ बाज़ार मे मिलता हो तो बाज़ार से लाऊं उस शक्ल की तस्वीर बनी हो तो दिखाऊँ तुमको जो तमन्ना हो कि  मैं भी उसे पाऊँ ~ हज़रत शाह मंज़ूर आलम “ कलंदर मौजशाही ” https://youtu.be/TJ8j9MBa3HQ

शायरी

तेरे चेहरे में कुछ बात ही ऐसी थी ! गर दिल ना देते, तो जान चली जाती !!

शायरी

'सच' से ज्यादा 'अफवाह' पसंद करते लोग अपनी 'झूठ' पर 'वाह-वाह' पसंद करते लोग!

शायरी

पीछे बँधे हैं हाथ मगर शर्त है सफ़र ! किससे कहें के पाँव का काँटा निकाल दे।

शायरियां

मरने के बाद मुझे जल्दी ना जला देना , मेरे दोस्तों को देर से आने की आदत है" ...

शायरी

बड़ी अजीब सी बादशाही है, दोस्तों के प्यार में । ना उन्होंने कभी कैद में रखा, न हम कभी फरार हो पाए !!

शायरी

कैसे करूँ खुद को, तेरे मुकाबिल ऐ ज़िंदगी ! हम जब तक आदतें बदलते हैं, तू हालात बदल देती है।।

शायरी

पहले नजरे उठायीं फिर जुल्फे लहराई , फिर धीरे से मुस्कुरा दिए ! बड़ा जालिम रुखसार था वो ,तीनो खंजर एक साथ चला दिए !!

शायरी

मेरी गली से गुजरा पर घर तक नही आया ; अच्छा वक्त भी करीबी रिश्तेदार निकला।

सूफ़ी कलाम - नाव पड़ी मझधार जगत मे मांझी हाथ बढ़ाना - प्रदीप श्रीवास्तव व साथी

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Sufi Kalam of Sant Shah Manzoor Aalam Shah नाव पड़ी मझधार जगत में , मांझी हाथ बढ़ाना लहरें हैं तूफ़ानी कि तनी ,   देखो भूल न जाना https://youtu.be/hzBvS53b2Z4

शायरी

आज इक और बरस बीत गया उस के बग़ैर  जिस के होते हुए होते थे ज़माने मेरे  - अहमद फ़राज़

शायरी

दिन किसी तरह से कट जाएगा सड़कों पे 'शफ़क़'  शाम फिर आएगी हम शाम से घबराएँगे  - फ़ारूक़ शफ़क़

शायरी

देखते हैं बे-नियाज़ाना गुज़र सकते नहीं ! कितने जीते इसलिए होंगे कि मर सकते नहीं !! - महबूब ख़िज़ां

SUFI GHAZAL – DIL KI DUNIYA JAG GAI HAI – PRADEEP SRIVASTAVA

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Cricket

Congratulations Mohd. Sami for Hat-Trick Congratulations to all Indians for victory against Afganistan

Sufi Qalam - Dar Pe sajda Kane Aaya - Hazrat Shah Manzoor Alam Qalandar ...

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SUFI – दर पे सजदा करने आया - DAR PE SAJDA KARNE AAYA साहब स्मृति फ़ाउंडेशन की प्रस्तुति " महफ़िल-ए-समा " 14 जून , 2019 मुख्य स्वर - प्रदीप श्रीवास्तव , कोरस : दिनेश सिंह और अभिषेक झा ढोलक   - मनोज तिवारी   स्थान- मौजशाही , 7 न्यू एम आई जी , केशव नगर , कानपुर # +91 9984555545 https://youtu.be/pFQTYUEw84A

शायरी

मिल जाता है दो पल का सुकून, बंद आँखों की बंदगी में वरना थोड़ा-थोड़ा परेशां तो, हर शख़्स है अपनी जिंदगी में !

Ghazal - Tere Aane Ki Jab Khabar Mahake - cover by Pradeep Srivastava

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Zara Haule Haule Chalo More Sajna Cover & Live by Suman Singh

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Ghazal - Hawaye Waqt Se ladti Hui Chataan Uhn Main - Shayar Shafiq Abdi

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SAHAEB SMRITI FOUNDATION PRESENT 4 TH MUSHAYRA AUR KAVI SAMMELAN GHAZAL – Hawa-E-Waqat Se Ladti Hui Chattan Hun Main. SHAYAR – Shafeeq Abdi हवाए वक़्त से लड़ती हुई चटान हूँ मैं ! ज़मीन वालों को शक है कि आसमान हूँ मैं   !! https://youtu.be/mgygx2BrTTw UPLOAD ON 17/06/2019, SHAYRON KI MEHFIL हवाए वक़्त से लड़ती हुई चटान हूँ मैं ! ज़मीन वालों को शक है कि आसमान हूँ मैं   !! कोई लिखे तो अदालत एक फसाना है ! कोई पढे तो मोहब्बत कि दास्तान हूँ मैं !! परखने वालों कि नज़रों पे मुनहसिर सब कुछ ! कभी यक़ीन कि मंज़िल कभी गुमान हूँ मैं !! ~ शफ़ीक़ आब्दि           = = = = ग़ज़ल तख़्त चाहा न कभी मसनदे शाही चाहिए ! हमने दुनिया से फ़क़त   ख़ैर   निगही चाही !! झूठ के बल पे कोई वक़्त का फ़रजद हुआ ! हमने सच बोल के बस अपनी तबाही चाही !! क्या कभी तुमसे मोहब्बत नहीं चाही हमने ! उसकी आवाज़ ये आई कि हाँ चाही चाही चाही !! ~ शफ़ीक़ आब्दि          

गुरु सम्मान समारोह 2019

आज भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) के द्वारा गुरु सम्मान समारोह 2019 का आयोजन स्थानीय स्टॉक एक्सचेंज प्रेक्षागार में सम्पन्न हुआ । इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री इंद्रमोहन रोहतगी जी थे और आयोजक श्री मोहित बरुआ, महासचिव इप्टा ।   इस कार्यक्रम में पार्थो दा ,श्री ऋषभ ओमर, मोहम्मद महबूब मालिक आदिऔर मेरा सम्मान किया गया । कार्यक्रम के अंत मे नाटक प्रस्तुत किया गया ।

शायरी

फलक देता है जिनको ऐश उनको गम भी होते हैं ! जहां बजते हैं नक्कारे वहां मातम भी होते हैं !! -दाग 

शायरी

दर्द को दिल में जगह दो अकबर ! इल्म से शायरी नहीं होती !! -अकबर इलाहाबादी

Shayri

कौन कहता है कि मौत आई तो मर जाऊंगा ! मैं तो दरिया हूं समुंदर में उतर जाऊंगा !! - अहमद नदीम क़ासमी

Ghazal - Na Kahin Jana Mujhe Aur Na Pichha Karna - Singer - Pradeep Sriv...

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एक नई धुन और गुनगुनाती ग़ज़ल जो आपको ज़रूर पसंद आएग GHAZAL - NA KAHIN JAANA MUJHE AUR NA PIICHA KARNA LYRIC- NASIR JAUNPURI SINGER -  PRADEEP SRIVASTAVA https://youtu.be/LFFmvIHVORY

Ghazal - Muskra Kar Wo Jab Ayenge - Lyric - Hasan Qazmi - singer Pradeep...

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MUSKRA KAR WO JAB AAYENGE मुस्करा कर वो जब आएंगे फूल ही फूल बरसायेंगे !! LYRIC - HASAN QAZMI SINGER - PRADEEP SRIVASTAVA https://youtu.be/ErrYkWobrYk

आयकर अधिकारियों पर मोदी का वार

मोदी सरकार का करप्शन पर वार, भ्रष्टाचार-कदाचार के आरोप में 12 आयकर अधिकारी जबरन रिटायर: मोदी सरकार ने भ्रष्टाचार और पेशेवर कदाचार के आरोप में आयकर विभाग के 12 वरिष्ठ अधिकारियों को सेवा से जबरन रिटायर कर दिया है. इनमें आयुक्त और संयुक्त आयुक्त स्तर के अधिकारी भी शामिल हैं | मोदी सरकार ने भ्रष्टाचार और पेशेवर कदाचार के आरोप में आयकर विभाग के 12 वरिष्ठ अधिकारियों को सेवा से जबरन रिटायर कर दिया है. इनमें आयुक्त और संयुक्त आयुक्त स्तर के अधिकारी भी शामिल हैं. सूत्रों ने यह जानकारी दी. इस सूची में शामिल एक निलंबित संयुक्त आयुक्त के खिलाफ स्वयंभू धर्मगुरु चंद्रास्वामी की मदद करने के आरोपी एक व्यवसायी से जबरन वसूली तथा भ्रष्टाचार की गंभीर शिकायतें हैं. सूत्रों ने बताया कि नोएडा में तैनात आयुक्त (अपील) के पद का कए आईआरएस अधिकारी भी हैं. उस पर आयुक्त स्तर की दो महिला आईआरएस अधिकारियों के यौन उत्पीड़न का आरोप है. बिहार काडर के इस IPS अधिकारी को कर दिया गया जबरन रिटायर ! एक अन्य आईआरएस अधिकारी ने अपने और अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर 3.17 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्ति अर्जित की थी. यह

शायरी

आप का एतिबार कौन करे ! रोज़ का इंतिज़ार कौन करे !! - दाग़ देहलवी

Shayri

इक नया रिश्ता पैदा क्यूं करें हम बिछड़ना है तो झगड़ा क्यूं करें हम - जौन एलिया 

शायरी

नाज़ क्या इस पे जो बदला है ज़माने ने तुम्हें ! मर्द हैं वो जो ज़माने को बदल देते हैं !! -अकबर इलाहाबादी

शायरी

जलाने वाले जलाते ही हैं चराग़ आख़िर ! ये क्या कहा कि हवा तेज़ है ज़माने की !! -जमील मज़हरी

शायरी

गुमशुदगी ही अस्ल में यारो राह-नुमाई करती है राह दिखाने वाले पहले बरसों राह भटकते हैं -हफ़ीज़ बनारसी

शायरी

रास्ता सोचते रहने से किधर बनता है ! सर में सौदा हो तो दीवार में दर बनता है !! -जलील आली