Shayri

थाम   ले  हाथ  मेरा  आज   सवँर  जाने  दे !
अपने  बाहों  में  मुझे आज  बिखर  जाने दे !!

आग  जो  दिल में मुहब्बत कि  लगी है मेरे !
अपने  दिल  मे  तू  उसे आज उत्तर जाने दे !!
~लक्ष्मण दावानी

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