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Showing posts from July, 2019

Mushaira - Hamne Ankhon Me Teri Yaad Basa Rakhi Hai - NURAIN FAIZABADI

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हमने आँखों में तेरी याद बसा रखी है ! आग बहते हुए पानी में लगा रखी है !!   जिसने आसमान पे तारों को किया है रोशन ! उसने दुनिया-ए-मोहब्बत भी सजा रखी है !! ~ नुरैन फैज़ाबादी   https://youtu.be/a 3 TI 3 KWoDQg

ABBAS NAYYAR JALALPURI - NIZAMAT - Kavi Sammelan & Mushayra by Raskhan

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रसखान साहित्यिक संस्था द्वारा हज़रत शाह मंज़ूर आलम शाह की सरपरस्ती में २६वें अखिल भारतीय गंगा   जमुनी कवि सम्मलेन और मुशायरे २०१५ की शुरुआत में डा अब्बास नय्यर जलालपुरी के द्वारा शानदार आग़ाज़ किया गया |   पेश है शब्दों के जादूगर नय्यर जलालपुरी का एक अंदाज़ | PRADEEP   SRIVASTAVA # +91 9984555545 https://youtu.be/IeI1cwjLb9U

शायरी - एक कोशिश

एक कोशिश भी नहीं की उसने मुझे रोकने की ! शायद उसे मेरे चले जाने का ही इंतज़ार था !! = = = सोच कर यही मंदिर मस्जिद भी दंग है हमें खबर ही नहीं कि हमारे बीच जंग है। = = = चलो अब जाने भी दो क्या करेंगे दास्तां सुना के ! खामोशियों तुम समझते नहीं बयां हम से होगा नहीं !! = = = कोई फूलों से सीखे सरफ़राज़े ज़िन्दगी होना ! वहीं से फिर महकते हैं जहां से ख़ाक होते हैं !! = = =

Ghazal - Jagti Ankhon Se Mai Kha Gaya Dhoka Kaise- Pradeep Srivastava "R...

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जागती आँखों से मैं खा गया धोका कैसे !! वो समंदर है तो मैं रह गया प्यासा कैसे !! https://youtu.be/rAUldVlIYOU

SAI BHAJAN - NAMAN HAI HAMARA TUMHE SAI BABA - SUMAN SINGH

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https://youtu.be/5E5sA0z9ynE

सूफी - जीना तेरी गली में मरना तेरी गली में - JEENA TERI GALI ME MARNA T...

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जीना तेरी गली में , मरना तेरी गली में | दिल का किया है हमने , सौदा तेरी गली में ||

Sabko Maloom Hai Mai Sharabi Nahi Cover by Suman Singh

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SABKO MALOOM HAI - ANWAR FARRUKHABADI SINGER - PANKAJ UDHAS सब को मालूम है मैं शराबी नहीं फिर भी कोई पिलाए तो मैं क्या करूँ सब को मालूम है मैं शराबी नहीं फिर भी कोई पिलाए तो मैं क्या करूँ सिर्फ़ एक बार नज़रों से नज़रें मिलें सिर्फ़ एक बार नज़रों से नज़रें मिलें और क़सम टूट जाए तो मैं क्या करूँ और क़सम टूट जाए तो मैं क्या करूँ मुझ को मैं खश समझता है सब बड़ा खश मुझ को मैं खश समझता है सब बड़ा खश क्यूँ के उनकी तरह लड़खड़ाता हूँ मैं मेरी रग रग में नशा मुहब्बत का है मेरी रग रग में नशा मुहब्बत का है मेरी रग रग में नशा मुहब्बत का है जो समझ में ना आए तो मैं क्या करूँ सिर्फ़ एक बार नज़रों से नज़रें मिलें सिर्फ़ एक बार नज़रों से नज़रें मिलें और क़सम टूट जाए तो मैं क्या करूँ और क़सम टूट जाए तो मैं क्या करूँ हाल सुन कर मेरा सहमे-सहमे हैं वो हाल सुन कर मेरा सहमे-सहमे हैं वो कोई आया है ज़ुल्फ़ें बिखेरे हुए मौत और ज़िंदगी दोनों हैरान हैं मौत और …

भजन संध्या 22.07.2019

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शिव मंदिर धर्म परिषद् द्वारा सावन के प्रताम प्रथम सोमवार को  भजन संध्या  स्थान: शिव मंदिर, मॉडल टाउन, पाण्डु नगर, कानपूर  समय रात्रि ८ बजे से १० बजे तक  आप सादर सपरिवार आमंत्रित हैं   

SHAYARI

उसके रंग कविता हो गए जब मौन मेरा स्याही हो गया  

SHAYRI

मैं अपने रू-ब-रू हूँ और कुछ हैरत-ज़दा हूँ मैं ! न जाने अक्स हूँ चेहरा हूँ या फिर आइना हूँ मैं   !!    

SHAYRI

मिल जाता है दो पल का सुकून बंद आँखों की बंदगी में , वरना थोड़ा-थोड़ा परेशां तो हर शख़्स है अपनी जिंदगी में !!      

SHAYRI

हम वो हैं जो ख़ुदा को भूल गए , तू मेरी जान , किस ग़ुमान में है।।

SHAYRUI

मैं चाहता हूँ परिंदे रिहा किए जाएँ मैं चाहता हूँ तिरे होंठ से हँसी निकले —Tahzib Hafi

SHAYRI

ज़िंदा हो तब तक रिश्तों को वक़्त दो , ताजमहल को दुनिया ने देखा है , मुमताज ने नहीं.

SHAYARI

कितने दूर निकल गये रिश्तों को निभाते निभाते , खुद को हमने खो   दिया अपनों को पाते   पाते

SHAYARI

तुम कहीं वक़्त की बातों में न आ जाना , यह कभी मुझसे भी कहता था मैं तेरा हूँ !

shayari

तुम आ जाओ मेरी कलम की स्याही बनकर , मैं तुम्हें अपनी ज़िंदगी के हर पन्ने में उतार दूँ !

shayri

किसी को ये ख़ौफ़ , कि ख़ुदा देख न ले , किसी की ये आरज़ू , कि ख़ुदा देखता रहे !!

shayri

आज तोहफा लाने निकला था शहर में तेरे लिए , कम्बखत खुद से सस्ता कुछ ना मिला !!

शायरी

कुछ तो चाहत होगी इन बूंदों की भी वरना ! कौन छूता है जमीन कोआसमान पर पहुंच कर !!           

शायरी

बहुत छाले हैं उसके पैरों में ! कमबख़्त उसूलों पर चला होगा !! - गुलज़ार