Mushira_Kahan Dhoondhta Hai Kahan Wo Nahi Hai_Surendra Gupta ‘Seekar’_18...
गीत
कहाँ ढूंढता है कहाँ वो नहीं है,
जगह कौन सी है जहाँ वो नहीं है !
ये सूरज ये चंदा या नदिया के धरे,
ये फूलों की मुस्कान झिलमिल सितारे,
ये ब्रक्षों की तरुणाई ये पंछियों के स्वर,
ये वात्सल्य मासूमो के चेहरे प्यारे,
समंदर व झरनों में बादल और बिजली,
वो दिल बन कहाँ पर धडकता नहीं है !
-सुरेन्द्र गुप्ता “सीकर”
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