Mushaira_Ana Dehalvi_Jashn-E-Maujshaahi_2022

राहे दुश्वार से कितनो को निकाला तुमने,

हमने देखा है कि गिरतों को सम्हाला तुमने !

थरथराता है अना देखो अँधेरे का वजूद,

दे दिया ऐसा चराग़ों को उजाला तुमने !

- अना देहलवी

https://youtu.be/cQsvoS6yWdU


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