Mushaira_Shafeeq Abdi_Jashn-E-Maujshaahi_2022
मुशायरा :
आएगा बहरे
मुलाक़ात वो बस अब के बरस,
है यकीं
मुझको कि खायेगा तरस अब के बरस !
डंक बिच्छू
की तरह मारने वाली दुनियां,
मिस्ले
नागिन तू मुझे और भी डस अब के बरस !
- शफीक़
आब्दी
मुशायरा :
आएगा बहरे
मुलाक़ात वो बस अब के बरस,
है यकीं
मुझको कि खायेगा तरस अब के बरस !
डंक बिच्छू
की तरह मारने वाली दुनियां,
मिस्ले
नागिन तू मुझे और भी डस अब के बरस !
- शफीक़
आब्दी
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