SHAYARI 31-05-2024
हमने
अपनी आंखों मे,जब्त कर लिए आंसू
पत्थरो
पे गिरते तो जख्म हो गए होते ।।
-सुलतान कलीम
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उम्रदराज
होने पर दवाई के साथ इल्म भी बेहद जरूरी
है !
वर्ना घर
के ही लोग ऐलान करदेंगे ये शक्श गैर ज़रूरी है!!
मेजर
मिर्जा
जाने
किसका हक़ दबा कर घर में दौलत लए हो !
और इस पे
ये सितम इसमें भी बरक़त चाहिए !
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तलाश में
हूँ उसकी मगर अब तक नाकाम हूँ
ख़ुद में
ख़ुदा ढूँढना भी गजब की इबादत है।
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मौजों से
खेलना तो सागर का शौक है,
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हवाएँ
ज़ोर कितना ही लगाएँ आँधियाँ बन कर
मगर जो
घिर के आता है वो बादल छा ही जाता है
जोश
मलीहाबादी
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जिंदगी
कभी भी ले सकती है करवट तू गुमां
ना कर।
बुलंदिया
छू हज़ार मगर उसके लिए गुनाह ना कर
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मैंने
देखा है बहारों में चमन को जलते,
है कोई
ख्वाब की ताबीर बताने वाला ?
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ये कशमकश
है कैसे बसर ज़िन्दगी करें,
पैरों को
काट फेंके या चादर बड़ी करें।
PRADEEP
SRIVASTAVA MUSICAL GROUP.
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