shayari

 

सुप्रभात,
दिल गया तो गया होश भी उड़ गए,
एक नया इंक़लाब और आने लगा !
अपनी काफ़िर निगाहों को रोको ज़रा,
मेरा ईमान भी डगमगाने लगा !


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