Posts

Showing posts from 2012

GHAZAL-CHAND BANKE AASMAN PE AAIYE

Image
             Chand Ban Kar Aasmaan Par Aaiye | Zindgi Me Fir Baharen Laaiye || Maikade Me Ashiqi Ke Doob Kar | Pyas Is Dil Ki Bujhate Jaiye || Zindgi Ki Raah Me Jab Tum Miley | To Zara Qismat Jagate Jaiye || Saaqiya Aabaad Maikhana Rahe | Mast Ankhon Se Pilate Jaiye || Nafraton Ki Is Andheri Raah Me | Pyar Ki Shamma Jalate Jaiye || Beech Toofan Me Na Mujhko Chodiye | Paar 'Raunaq' Ko Lagate Jaiye ||  ******  चाँद बन कर आसमां पर आईये  | ज़िन्दगी में   फिर   बहारें लाईये  || ............................................... मैकदे में आशिक़ी   के डूब कर | प्यास इस दिल की   बुझाते   जाईये  || .............................................. ज़िन्दगी की राह में जब तुम मिले  | तो   ज़रा क़िस्मत जगाते जाईये  || ................................................. साकिया   अबादा   मैख़ाना   रहे  | मस्त   आँखों   से पिलाते जाईये || ................................................ नफरतों   की इस अंधेरी रात में | प्यार की शम्म

ROOH-E-SHAYRI~आमने सामने हो गए ...

आमने सामने हो गए | ज़ख्म फिर से हरे हो गए | आप गिर के ना उठ पाएंगे | हम तो गिर के खड़े हो गए || बेसबब दूरियाँ बढ़ गयीं | बेवज़ह फासले हो गए ll

GHAZAL - " AMNE SAMNE HO GAYE - (आमने सामने हो गए ) "

Image
आमने सामने हो गए | ज़ख्म फिर से हरे हो गए | आप गिर के ना उठ पाएंगे | हम तो गिर के खड़े हो गए || बेसबब दूरियाँ बढ़ गयीं | बेवज़ह फासले हो गए || जिनका डर था हमें दोस्तों | लो वही हादसे हो गए || है ख़बर आपने छोड़ दी | ख़ाली सब मयकदे हो गए || उनके चेहरे से ' रौनक़ '  गयी | दूर जो आपसे हो गए || प्रदीप श्रीवास्तव ' रौनक़ कानपुरी '