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Showing posts from October, 2019

Mushaira - Ek Ummiid Ki Kahani Hai - एक उम्मीद की कहानी है - NEENA SAHAR...

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एक उम्मीद की कहानी है , नाम जिसका ज़िंदगानी है ! थोड़ी सी है ज़मीन रिश्तों की , और बाकी तो सारा पानी है !! ~ नीना सहर ( पूरी शायरी के लिए नीचे दिए गए यू ट्यूब लिंक पर क्लिक करें | और हाँ SUBSCRIBE करना न भूलें ! ) https://youtu.be/8uXftlR3ZW0 साहब स्मृति फ़ाउंडेशन के द्वारा 7 वां राष्ट्रीय कवि सम्मेलन और मुशायरे का आयोजन दिनांक 13 अक्टूबर को कानपुर मे सम्पन्न हुआ | इस अवसर पर दिल्ली से आईं मोहतरमा नीना सहर की शायरी पेशे खिदमत है | UPLOAD BY PRADEEP SRIVASTAVA +91 9984555545

Mushaira - Jo Bhi Achha Lagta Hai - जो भी अच्छा लगता है, तेरे जैसा लगता...

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जो भी अच्छा लगता है , तेरे जैसा लगता है | सबके दावे हैं उसपर , सबका अपना लगता है || ~ असलम राशिद ( पूरी शायरी के लिए नीचे दिए गए यू ट्यूब लिंक पर क्लिक करें | और हाँ SUBSCRIBE करना न भूलें ! ) https://youtu.be/OMz0bwquFrw

Mushaira - Ibadaton ka saliqa - इबादतों का सलीक़ा सीखा दिया - Tara Iqbal ...

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इबादतों का सलीक़ा   सीखा दिया मुझको ! तुम्हारे हिज्र ने रब से मिला दिया मुझको !! ~ तारा इकबाल साहब स्मृति फाउंडेशन , मौजविला , ७ , नई एम् आई जी , केशव नगर , डब्लू ब्लॉक , कानपुर द्वारा १३ , अक्टूबर २०१९ को कानपुर मे आयोजित 7वें राष्ट्रीय कवि सम्मेलन व मुशायरे में रायबरेली से आईं मोहतरमा तारा इकबाल ने अपनी खूबसूरत और जज्बाती ग़ज़ल पेश की | UPLOAD BY PRADEEP SRIVASTAVA +91 9984555545 https://youtu.be/sWVPqw5gb1E

Mushaira - Meri Diwangi Ki Us Gali Tak - मेरी दीवानगी की उस गली तक -Muke...

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मुकेश आलम ने अपने कलाम का जलवा बिखेरा | मेरी दीवानगी की उस गली तक बात जा पहुंची   ! जहां तक मैं नहीं पहुंचा मेरी औकात जा पहुंची   !! https://youtu.be/KkTVYlTud3I

Farooq Jaisi - Abhi Tha Pani Sar Uthaye - Mushaira Saheb Smriti Foundation

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Mushaira - पुरसुकून मौजों में इज़्तराब आता है - Pursuqun Maujon Me - Naee...

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पुरसुकून मौजों में इज़्तराब आता है ! ज़ुल्म जब भी बढ़ता है इंक़लाब आता है !! मैंने फूल बरसाए उसने संगबारी की ! क्या सवाल था मेरा क्या जवाब आता है !! ~ नईम राशिद "बुरहानपुरी" ( पूरी ग़ज़ल के लिए निचे दिए गए यू ट्यूब लिंक को क्लिक करें और बेहतरीन ग़ज़ल का लुत्फ़ लें ) https://youtu.be/45DzBXljKRU

Mushaira - Ana parast me ye Ehtmaam kisne kiya - अना परस्त में ये एहतमाम...

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अना परस्त में ये एहतमाम किसने किया ! बड़े तपाक से ये मुझको सलाम किसने किया !! दोआ हर एक को दी और ये नहीं देखा ! सलाम किसने किया राम राम किसने किया !! (पूरी ग़ज़ल के लिए निचे दिए गए यू ट्यूब लिंक को क्लिक करें और बेहतरीन ग़ज़ल का लुत्फ़ लें )  https://youtu.be/4MsnkFmOvp4

Jayka Gham Ka Likhun - ज़ायक़ा ग़म का लिखूं, दर्द की लज़्ज़त लिखूं - RAM PRAS...

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ज़ायक़ा ग़म का लिखूं , दर्द की लज़्ज़त लिखूं ! मैं तेरे ख़्वाब से निकलूं तो हक़ीक़त लिखूं !! ~ राम प्रसाद "बखुद" https://youtu.be/Bk9Lp8prysY

Mushaira - हम वो शेर कहते हैं जो सबको याद रहते हैं Hamid Bhusawali - Ka...

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बताएं राज़ तुमको किस लिए हम शाद रहते हैं ! हम वो शेर कहते हैं जो सबको याद रहते हैं !! ~ हामिद भूसावली  https://youtu.be/9ZV6Do9EeKk

मोहब्बत उसके हिस्से में कभी आ ही नहीं सकती - Alka Mishra - Kanpur Mushaira

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तुम्हारी याद से रौशन दरों दीवार रहते हैं ! मै अक्सर शाम को दीपक जलाना भूल जाती हूँ !! ~ अलका मिश्रा https://youtu.be/QEairCM2ZbM

Kavita - Kante Bana Rahe - कांटे बना रहे कोई गुल बना रहे ! - Swyam Sriv...

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कांटे बना रहे कोई गुल बना रहे ! कुछ लोग कहीं काग को बुलबुल बना रहे ! तुम रास्तों को खाई में तब्दील कर रहे ! हम लोग उन्ही खाइयों पे पुल बना रहे !! ~ स्वयं श्रीवास्तव ( उन्नाव )

हिंदी छंद - कवि जयराम जय - Hindi Chhand - Kavi Jayram Jay

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JAG KAR INTZAR KAUN KARE - RENU MISHRA ( Ranchi )

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PREMIER WITH LIVE CHATING  मुझे वो पहली सी उल्फ़त जनाब दे जाओ छुपाया फूल था जिसमे किताब दे जाओ

Ateeq Fatehpuri - Mera Dil Ye Kah Raha Hai koi Doosra Nahi Hai - Mushayra

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मेरा दिल ये कह रहा है , कोई दूसरा नहीं है ! तेरे नक़्शे पा के आगे कोई नक़्शे पा नहीं है !! चले अँधियाँ हज़ारों , हो हवाएं लाख बरहम ! तेरी लौ से जो जला है वो दिया बुझा नहीं है !! ~ अतीक़ फतेहपुरी   साहब स्मृति फाउंडेशन , कानपुर के तत्वाधान में ७वें राष्ट्रिय कवि सम्मलेन एवं मुशायरे में मशहूर शायर अतीक़ फतेहपुरी का कलाम | # +91 9984555545     https://youtu.be/OkxoBjF1odM

मनकबत - जिसे नसीब है निस्बत हुज़ूर साहब की - शकील गयावी -कानपुर मुशायरा

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Jise naseeb Hai Nisbat Huzur Sahab Ki. kare Na Kaise Wo Midhat Huaur Sahab Ki जिसे नसीब है निस्बत हुज़ूर साहब की ! करे न कैसे वो मिदहत हुज़ूर साहब की !! https://youtu.be/dg6wR_jMhQA

शायरी

हम तो लिख देते हैं जो भी ज़हन में आता है । दिल को छू जाए तो इत्तफाक ही समझिए ।।

शायरी

हज़ारों दाग़ थे दामन था किस क़दर मैला, ख़ुदा का शुक्र है उसने कफ़न सफेद दिया । ~असद अजमेरी

शायरी

रूठ के जाने वाले को बुलाया जाये ! लाजिमी है के रूठे को मनाया जाये !! खुशगवार हो सकती है ये जिन्दगी ! अगर दिल से उठ के दिल को मिलाया जाये !! ~ राकेश कुमार मिश्रा

AAGHAZ - 7TH RASHTRIYA KAVI SAMMELAN & MUSHAYRA ON 13.10.2019

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- आगाज़ - : साहब स्मृति फाउंडेशन , मौजविला , ७ , नई एम् आई जी , केशव नगर , डब्लू ब्लॉक , कानपुर द्वारा १३ , अक्टूबर २०१९ को कानपुर मे आयोजित 7वें राष्ट्रीय कवि सम्मेलन व मुशायरे के शुरुआत मे मुशायरा समिति के संरक्षक जनाब फ़ारूक़ जायसी के द्वारा संस्था एवं उसके बारे मे खास बातें एवं जनाब शफ़ीक़ आब्दी की प्यारी निजामत की एक बानगी   |  

7TH RASHTRIYA KAVI SAMMELAN AND MUSHYRA ON 13.10.2019

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दिनांक १३ अक्टूबर २०१९ को साहब स्मृति फाउंडेशन , कानपुर के तत्वाधान में ७वें राष्ट्रीय कवि सम्मलेन एवं मुशायरा के उद्घाटन के मुबारक़ यादगार लम्हे | स्थान - मर्चेंट चेंबर हाल , कानपुर आयोजक: साहब स्मृति फाउंडेशन , मौजविला , ७ , नई एम् आई जी , केशव नगर , डब्लू ब्लॉक , कानपुर | वीडियो एडिटिंग - प्रदीप श्रीवास्तव # +91 9984555545 https://youtu.be/9oQuvn0MzyE

Mushayraa

साहब स्मृति फाउंडेशन के नेतृत्व में कानपुर में कवि सम्मलेन एवं मुशायरा का आयोजन https://awaaz.live/story?id=119489
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शायरी

ज़िन्दगी वही है जो आज हम जी ले ! कल जो जिएंगे वो उम्मीद होगी !!

कवि सम्मेलन एवं मुशायरा

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सुप्रसिद्ध सूफ़ी संत परमपूज्यनीय श्रद्धेय हुज़ूर साहेब की मधुर स्मृति में दिनांक 13 अक्टूबर 2019, दिन रविवार को सायं 6 बजे से सातवाँ राष्ट्रिय कवि सम्मलेन एवं मुशायरे का आयोजन स्थानीय मर्चेन्ट चेम्बर हाल, सिविल लाइंस, कानपुर मे किया जा रहा है | जिसका विवरण निम्न है : 6.00 सायं - पूजन एवं माल्यार्पण 6.30 सायं - प्रदीप श्रीवास्तव द्वारा सूफी गायन 7.30 सायं - कवि सम्मेलन एवं मुशायरा  प्रवेश निःशुल्क - प्रथम आगत प्रथम स्वागत आपकी उपस्थित प्रार्थनीय है आपका, प्रदीप श्रीवास्तव

शायरी

महफ़िल भले ही प्यार करने  वालो की हो । उसमे रौनक तो दिल टूटा हुआ शायर ही लाता है।।

Shayri

सलीक़े से हवाओं में जो ख़ुशबू घोल देते हैं ! अभी भी कुछ लोग बाक़ी हैं जो मीठा बोल लेते हैं !!

Shayri

छुपाना चाहा था उसने, अपने ज़ज़्बातों को लफ़्ज़ों के लिहाफ़ से ! पर नादां है वो इतना कि अपनी आँखों पर पर्दा करना ही भूल गया !!