Mushaira - पुरसुकून मौजों में इज़्तराब आता है - Pursuqun Maujon Me - Naee...



पुरसुकून
मौजों में इज़्तराब आता है !
ज़ुल्म
जब भी बढ़ता है इंक़लाब आता है !!
मैंने
फूल बरसाए उसने संगबारी की !
क्या
सवाल था मेरा क्या जवाब आता है !!
~
नईम
राशिद "बुरहानपुरी"
(पूरी ग़ज़ल के लिए निचे दिए गए यू ट्यूब
लिंक को
क्लिक
करें और बेहतरीन ग़ज़ल का लुत्फ़ लें )

https://youtu.be/45DzBXljKRU

Comments

Popular posts from this blog

GHAZAL LYRIC- झील सी ऑंखें शोख अदाएं - शायर: जौहर कानपुरी

Ye Kahan Aa Gaye Hum_Lyric_Film Silsila_Singer Lata Ji & Amitabh ji

SUFI_ NAMAN KARU MAIN GURU CHARNAN KI_HAZRAT MANZUR ALAM SHAH