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Showing posts from June, 2021

HUZUR SAHEB AMRIT WACHAN_2A_ 18.12.1997

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HUZUR SAHEB AMRIT WACHAN_2A_ 18.12.1997 पूज्यनीय गुरुवर हज़रत मंज़ूर आलम शाह ' कलंदर मौजशाही ' ' हुज़ूर साहेब ' अपने जीवन काल में हर चौमासे पर चिल्ला पूर्ण होने के बाद महफ़िल और नियाज़ का आयोजन करवाते थे | उस दौरान हुज़ूर साहेब अपने आशिक़ और अपने मुरीदों को अमृतवचन से नवाज़ते थे | आप के अमृत वचन जीने का एक सहारा बन गए हैं |   इसी क्रम में 18.12.1997 में हुज़ूर साहेब ने अपने अमृतवचन से अपने आशिक़ों और मुरीदों को जो कहा वो आपकी ख़िदमत में पेश है और इसे बार बार सुने अपने इस अमूल्य जीवन में एक नई ऊर्जा पैदा करें | ‘ साहेब स्मृति फ़ाउनडेशन ’ आपका सेवक , प्रदीप श्रीवास्तव +919984555545 https://youtu.be/Tb2omsStKxo

जय हनुमान ज्ञान गुण सागर

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बहुत सुंदर कथा ..आप भावुक हो कर रो पड़ेगें तो ध्यान से पढिये.. एक साधु महाराज श्री रामायण कथा सुना रहे थे।  लोग  आते  और  आनंद विभोर होकर जाते। साधु महाराज का नियम था रोज कथा शुरू  करने से पहले  "आइए  हनुमंत  जी  बिराजिए" कहकर हनुमान जी का आह्वान करते थे, फिर एक घण्टा प्रवचन करते थे। एक वकील साहब हर रोज कथा सुनने आते। वकील साहब के भक्तिभाव पर एक दिन तर्कशीलता हावी हो गई। उन्हें लगा कि महाराज रोज "आइए हनुमंत जी बिराजिए" कहते हैं तो क्या हनुमान जी सचमुच आते होंगे! अत: वकील साहब ने महात्मा जी से पूछ ही डाला- महाराज जी, आप रामायण की कथा बहुत अच्छी कहते हैं। हमें बड़ा रस आता है परंतु आप जो गद्दी प्रतिदिन हनुमान जी को देते हैं उसपर क्या हनुमान जी सचमुच बिराजते हैं? साधु महाराज ने कहा… हाँ यह मेरा व्यक्तिगत विश्वास है कि रामकथा हो रही हो तो हनुमान जी अवश्य पधारते हैं। वकील ने कहा… महाराज ऐसे बात नहीं बनेगी। हनुमान जी यहां आते हैं इसका कोई सबूत दीजिए । आपको साबित करके दिखाना चाहिए कि हनुमान जी आपकी कथा सुनने आते हैं। महाराज जी ने बहुत समझाया कि भैया आ

Geet_Na Tum Aaye Magar Pratidin, Tumhara Swapn Aata Hai_ना तुम आये मगर_C...

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अकथ अज्ञात पीड़ा से भरा मेरा मन छटपटाता है, ना तुम आये मगर प्रतिदिन तुम्हारा स्वप्न आता है ! - - - - बसंती मौसमो वाले, सुहाने दिन मधुर रातें, नयन की व्यंजना से तृप्ति की वे अनकही बातें, कोई उन्मुक्त पंछी पिंजड़े में कसमसाता है, ना तुम आये मगर प्रतिदिन तुम्हारा स्वप्न आता है ! - - - - तुम्हारी उष्मा मादक प्रणय प्रतिदान के वे पल, नहाई चांदनी सादात मधुमात नयन चंचल, वही कमनीय छवि का दीप उर में जगमगाता है, ना तुम आये मगर प्रतिदिन तुम्हारा स्वप्न आता है ! - - - - खिले मुरझाये फिर फिर लग रहे हैं रूप के मेले, ग्रसित भ्रमरों ने कलियों संग मादक खेल हैं खेले, मुझे हर दृश्य में तुमसे मिलन का भ्रम सताता है, ना तुम आये मगर प्रतिदिन तुम्हारा स्वप्न आता है ! - - - - कभी लावण्य के सैलाब में तुमने डुबाया था, तुम्हारा वो मदिर उन्माद नस नस में समाया था, कोई विश्वास दे कर यूँ नहीं विषघट पिलाता है, ना तुम आये मगर प्रतिदिन तुम्हारा स्वप्न आता है ! - - - - हृदय की झील के तल पर तरंगो सी उठें यादें, तुम्हारे अनगिनित प्रतिबिम्ब चारो ओर पहरा दें, फंसा तूफ़ान में जलया

GEET_Satrangi Jaimal Tumhari Ankhon Mein_ सतरंगी जयमाल तुम्हारी आँखों मे...

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ऐसा गीत जिसे सुनना ही नहीं देखना भी पसंद करेंगे |   सतरंगी जयमाल तुम्हारी आँखों में , रंग अबीर गुलाल तुम्हारी आँखों में ! कवि- शिव कुंवर https://youtu.be/BbcahISIikg

CHAP TILAK SAB CHINHI - Pradeep Srivastava , Ghazal Singer Live in Kanp...

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HUZUR SAHEB AMRIT WACHAN_6B_ 03 APRIL 1998_

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HUZUR SAHEB AMRIT WACHAN_6B_ 03 APRIL 1998_ पूज्य्नीय गुरुवर हज़रत मंज़ूर आलम शाह ' कलंदर मौजशाही ' ' हुज़ूर साहेब ' अपने जीवन काल में हर चौमासे पर चिल्ला पूर्ण होने के बाद महफ़िल और नियाज़ का आयोजन करवाते थे | उस दौरान हुज़ूर साहेब अपने आशिक़ और अपने मुरीदों को अमृतवचन से नवाज़ते थे | आप के अमृत वचन जीने का एक सहारा बन गए हैं |  इसी क्रम में 3 अप्रैल, १९९८ में हुज़ूर साहेब ने अपने अमृतवचन से अपने आशिक़ों और मुरीदों को जो कहा वो आपकी ख़िदमत में पेश है और इसे बार बार सुने अपने इस अमूल्य जीवन में एक नई ऊर्जा पैदा करें | ,साहेब स्मृति फ़ाउनडेशन, आपका सेवक , प्रदीप श्रीवास्तव +919984555545 https://youtu.be/q6sJBeI1AQM

GeeT_ Hum Jisey Samajhte They Apna_हम जिसे समझते थे अपना_Suneel Bajpai_2...

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हम जिसे समझते थे अपना, भोली आँखों का सपना था, पलकें खुलते क्या दिखना था हम जिसे समझते थे अपना. ~ सुनील बाजपेई  https://youtu.be/lJ88x9M2mH0

1st Birthday Of 'PEEHU' D/o Mayank & Aditi Srivastava_24.12.2021

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HUZUR SAHEB AMRIT WACHAN_PART 6A, 03 APRIL, 1998_

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HUZUR SAHEB AMRITWACHAN, PART 6A हुज़ूर साहेब के अमृतवचन, भाग 6 ए, DATE: 3 RD APRIL, 1998 PLACE: KHANKAH, KANPUR https://youtu.be/GOQ0CTDme5M

Geet_ Bandh Tow Bandhe Bahut_ बाँध तो बाँधे बहुत मैंने हृदय पर_LOKESH SH...

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बाँध तो बाँधे बहुत मैंने हृदय पर, पर ना जाने क्यूँ तुम्हारी याद आई ! - - - -  नील नभ के छोर से बादल घुमड़ कर, प्यास पपीहे की बढ़ा दें जिस तरह से, घोर मायूसी भरे वातावरण में, आस दिल में तुम जगाते उस तरह से, कब अँधेरे रोक पाय इक किरन को  जो कमल के अधर पर जा मुस्कुराए, - - - - बाँध तो बाँधे बहुत मैंने हृदय पर, पर ना जाने क्यूँ तुम्हारी याद आई ! गीतकार – लोकेश शुक्ला https://youtu.be/PC9OwaC2PwM

Restrictions on cash transactions in Income Tax Act:

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Restrictions on cash transactions in Income Tax Act: 1. As per Sec 13A, if donation is received by political parties in cash exceeding Rs 2000, exemption shall not be available to them.  2. Deduction U/S 35AD shall not be allowed if cash payment exceeds Rs 10,000.  3. Deduction of insurance premium U/S 36, health insurance premium U/S 80D, contribution to political parties U/S 80GGB and GGC shall not be allowed if payment is made in cash.  4. Payment of expenses in cash exceeding Rs 10,000 shall not be allowed as a deduction (Sec 40A(3)).  5. Payment for capital expenses in cash exceeding Rs 10,000 shall be ignored for calculation of actual cost of asset (Sec 43(1)).  6. Presumptive profit will be deemed at 6% instead of 8% in respect of the amount of total turnover or gross receipts which is received through the banking channel. (Sec 44AD).  7. Contribution to charitable institutions in cash exceeding Rs 2,000 shall not be eligible for deduction U/S 80G.  8. No deduction shall be allo

HUZUR SAHEB AMRIT WACHAN_PART 5B, 03 APRIL, 1998_

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HUZUR SAHEB AMRIT WACHAN_PART 5B,   03 APRIL, 1998_ अप्रैल 03, 1998 में पूज्यनीय गुरुवर हज़रत मंज़ूर आलम शाह ' कलंदर मौजशाही ' ' हुज़ूर साहेब '   ने अपने अमृतवचन से अपने आशिक़ों और मुरीदों को नवाज़ा वो आपकी ख़िदमत में पेश है | जो भी रिकॉर्डिंग हुई है इसे बार बार सुने अपने इस अमूल्य जीवन में एक नई ऊर्जा पैदा करें | आपका सेवक , प्रदीप श्रीवास्तव +919984555545 https://youtu.be/qWnxjgpB6lI

Un-Touched Story Of Film Actress Praveen Bobby ( Without Songs ) - Ancho...

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GEET_SURENDRA TIWARI ‘SHASHI’_KITNE PYASON KI PYAS BUJHAYA_कितने प्यासों...

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मुशायरा:- कितने प्यासों की प्यास बुझाया , उसने पुण्य कमाया , किन्तु रहा वो ख़ुद ही प्यासा , हमसे बता न पाया गीतकार – सुरेन्द्र तिवारी ‘शशी’ https://youtu.be/zInb1lVvlLE

HUZUR SAHEB AMRIT WACHAN_PART- 5A, 03 APRIL, 1998_

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HUZUR SAHEB AMRIT WACHAN_PART- 5A,   03 APRIL, 1998_ अप्रैल 03, 1998 में पूज्यनीय गुरुवर हज़रत मंज़ूर आलम शाह ' कलंदर मौजशाही ' ' हुज़ूर साहेब '   ने अपने अमृतवचन से अपने आशिक़ों और मुरीदों को नवाज़ा वो आपकी ख़िदमत में पेश है | जो भी रिकॉर्डिंग हुई है इसे बार बार सुने अपने इस अमूल्य जीवन में एक नई ऊर्जा पैदा करें | आपका सेवक , प्रदीप श्रीवास्तव +919984555545 https://youtu.be/OynSLwdON6E

जहर दातों में नही शब्दों में होता है

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-:: तोल तोल के बोल ::- 18 दिन के युद्ध ने, द्रौपदी की उम्र को 80 वर्ष जैसा कर दिया था...। शारीरिक रूप से भी और मानसिक रूप से भी, शहर में चारों तरफ़ विधवाओं का बाहुल्य था.. पुरुष इक्का-दुक्का ही दिखाई पड़ता था । अनाथ बच्चे घूमते दिखाई पड़ते थे और उन सबकी वह महारानी द्रौपदी हस्तिनापुर के महल में,निश्चेष्ट बैठी हुई शून्य को निहार रही थी । तभी, श्रीकृष्ण कक्ष में दाखिल होते हैं ! द्रौपदी कृष्ण को देखते ही दौड़कर उनसे लिपट जाती है ...॥ कृष्ण उसके सिर को सहलाते रहते हैं और रोने देते हैं, थोड़ी देर में,उसे खुद से अलग करके समीप के पलंग पर बैठा देते हैं । द्रौपदी : यह क्या हो गया सखा ? ऐसा तो मैंने नहीं सोचा था । कृष्ण : नियति बहुत क्रूर होती है पांचाली.. वह हमारे सोचने के अनुरूप नहीं चलती ! वह हमारे कर्मों को परिणामों में बदल देती है.. तुम प्रतिशोध लेना चाहती थी और, तुम सफल हुई, द्रौपदी ! तुम्हारा प्रतिशोध पूरा हुआ... सिर्फ दुर्योधन और दुशासन ही नहीं, सारे कौरव समाप्त हो गए । तुम्हें तो प्रसन्न होना चाहिए ! द्रोपदी: सखा, तुम मेरे घावों को सहलाने आए हो या उन पर नमक छिड़कने के लि

EXCELLENT INFO ABOUT SRI KRISHNA

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  EXCELLENT INFO ABOUT SRI KRISHNA 1) Krishna was born 5252 years ago  2) Date of Birth : 18 th July,3228 B.C 3) Month : Shravan 4) Day : Ashtami 5) Nakshatra : Rohini 6) Day : Wednesday 7) Time : 00:00 A.M. 8) Shri Krishna lived 125 years, 08 months & 07 days. 9) Date of Death : 18th February 3102BC. 10) When Krishna was 89 years old ; the mega war (Kurukshetra war) took place.  11) He died 36 years after the Kurukshetra war. 12) Kurukshetra War was started on Mrigashira Shukla Ekadashi, BC 3139. i.e "8th December 3139BC" and ended on "25th December, 3139BC".  12) There was a Solar eclipse between "3p.m to 5p.m on 21st December, 3139BC" ; cause of Jayadrath's death. 13) Bhishma died on 2nd February,(First Ekadasi of the Uttarayana), in 3138 B.C. 14) Krishna is worshipped as: (a)Krishna Kanhaiyya : Mathura (b) Jagannath:- In Odisha (c) Vithoba:- In Maharashtra (d) Srinath: In Rajasthan (e) Dwarakadheesh: In Gujarat (f) Ranchhod: In Gujarat (g) Kris

HUZUR SAHEB AMRIT WACHAN_1B_18.12.1997_REVISED

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HUZUR SAHEB AMRIT WACHAN_1B_18.12.1997_REVISED 18 दिसंबर , 1997 को पूज्यनीय गुरुवर हज़रत मंज़ूर आलम शाह ' कलंदर मौजशाही ' ' हुज़ूर साहेब '   ने अपने अमृतवचन से अपने आशिक़ों और मुरीदों को नवाज़ा वो आपकी ख़िदमत में पेश है | जो भी रिकॉर्डिंग हुई है इसे बार बार सुने अपने इस अमूल्य जीवन में एक नई ऊर्जा पैदा करें | आपका सेवक , प्रदीप श्रीवास्तव +919984555545 https://youtu.be/asmliI65Lw4

पैकिंग आटा

-::पैकिंग आटा::- एक प्रयोग करके देखें गेहूं का आटा पिसवा कर उसे 2 महीने स्टोर करने का प्रयास करें, आटे में कीड़े पड़ जाना स्वाभाविक हैं, आप आटा स्टोर नहीं कर पाएंगे। फिर ये बड़े बड़े ब्रांड कैसे आटा स्टोर कर पा रहे हैं ? यह सोचने वाली बात है। एक केमिकल है- बेंजोयलपर ऑक्साइड, जिसे 'फ्लौर इम्प्रूवर' भी कहा जाता है। इसकी पेरमिसीबल लिमिट 4 मिलीग्राम है, लेकिन आटा बनाने वाली फर्में 400 मिलीग्राम तक ठोक देती हैं। कारण क्या है ? आटा खराब होने से लम्बे समय तक बचा रहे। बेशक़ उपभोक्ता की किडनी का बैंड बज जाए। कोशिश कीजिये खुद सीधे गेहूं खरीदकर अपना आटा पिसवाकर खाएं। नियमानुसार आटे का समय.. ठंडके दिनों में 30 दिन गरमी के दिनोंमें 20 दिन बारिस के दिनोंमें 15 दिन का बताया गया है। ताजा खाइये स्वस्थ रहिये... 🙏🏻🙏🏻😪😪

HUZUR SAHEB AMRIT WACHAN_1B_18.12.1997_

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HUZUR SAHEB AMRIT WACHAN_1B_18.12.1997_ 18 दिसंबर , 1997 को पूज्यनीय गुरुवर हज़रत मंज़ूर आलम शाह ' कलंदर मौजशाही ' ' हुज़ूर साहेब '   ने अपने अमृतवचन से अपने आशिक़ों और मुरीदों को नवाज़ा वो आपकी ख़िदमत में पेश है | जो भी रिकॉर्डिंग हुई है इसे बार बार सुने अपने इस अमूल्य जीवन में एक नई ऊर्जा पैदा करें | आपका सेवक , प्रदीप श्रीवास्तव +919984555545 https://youtu.be/Gv-BybCS8AU

Mushaira_Is Zamane Ke Rang Jaisa Hun_Mridul Tiwari

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इस ज़माने के रंग जैसा हूँ, फिर भी अच्छा बुरा समझता हूँ ! उसने रसमन जो मुझसे पूछा हाल, मैंने भी कह दिया की अच्छा हूँ ! ~ मृदुल तिवारी  https://youtu.be/b4YvSNiYZv0

HUZUR SAHEB AMRIT WACHAN_1A_18.12.1997

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HUZUR SAHEB AMRIT WACHAN_1A_18.12.1997_ १८ दिसंबर १९९७ को में पूज्यनीय गुरुवर हज़रत मंज़ूर आलम शाह ' कलंदर मौजशाही ' ' हुज़ूर साहेब '   ने अपने अमृतवचन से अपने आशिक़ों और मुरीदों को नवाज़ा वो आपकी ख़िदमत में पेश है | जो भी रिकॉर्डिंग हुई है इसे बार बार सुने अपने इस अमूल्य जीवन में एक नई ऊर्जा पैदा करें | नोट: कैसेट से कापी करने में रिकार्डिंग क्वालिटी बहुत अच्छी नहीं है लेकिन आपको अच्छा लगेगा | आपका सेवक , प्रदीप श्रीवास्तव +919984555545 https://youtu.be/IbVblf0UaTk

पाखंड

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पाखंड ll                                           टीवी पर जगत गुरु शंकराचार्य कांची कामकोटि जी से प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम चल रहा था।  एक व्यक्ति ने प्रश्न किया कि "हम भगवान को भोग क्यों लगाते हैं ?  हम जो कुछ भी भगवान को चढ़ाते हैं उसमें से भगवान क्या खाते हैं? क्या पीते हैं?" "क्या हमारे चढ़ाए हुए पदार्थ के रुप रंग स्वाद या मात्रा में कोई परिवर्तन होता है? यदि नहीं तो हम यह कर्म क्यों करते हैं। क्या यह पाखंड नहीं है? यदि यह पाखंड है तो हम भोग लगाने का पाखंड क्यों करें ?"  मेरी भी जिज्ञासा बढ़ गई थी कि शायद प्रश्नकर्ता ने आज जगद्गुरु शंकराचार्य जी को बुरी तरह घेर लिया है देखूं क्या उत्तर देते हैं।  किंतु जगद्गुरु शंकराचार्य जी तनिक भी विचलित नहीं हुए । बड़े ही शांत चित्त से उन्होंने उत्तर देना शुरू किया।  उन्होंने कहा "यह समझने की बात है कि जब हम प्रभु को भोग लगाते हैं तो वह उसमें से क्या ग्रहण करते हैं।" "मान लीजिए कि आप लड्डू लेकर भगवान को भोग चढ़ाने मंदिर जा रहे हैं और रास्ते में आपका जानने वाला कोई मिलता है और पूछता है यह क्या है ?तब आप उसे बताते

1 जुलाई से बदल गये रेलवे के ये 10 नियम

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RAILWAY INFORMATION 🚂🚂🚂🚂🚂🚂🚂 ===================== 1 जुलाई से बदल गये रेलवे के ये 10 नियम .... ===================== 1) वेटिंग लिस्ट का झंझट खत्म हो जाएगा। रेलवे की ओर से चलाई जाने वाली सुविधा ट्रेनों में यात्रियों को कन्फर्म टिकट की सुविधा दी जाएगी। ..................... 2) 1 जुलाई से तत्काल टिकट कैंसिल करने पर 50 फीसदी राशी वापस किए जाएंगे। ..................... 3) 1 जुलाई से तत्काल टिकट के नियमों में बदलाव हुआ है। सुबह 10 से 11 बजे तक AC कोच के लिए टिकट बुकिंग होगी जबकि 11 से 12 बजे तक Sleeper कोच की बुकिंग होगी। ...................... 4) 1 जुलाई से राजधानी और शताब्दी ट्रेनों में पेपरलेस टिकटिंग की सुविधा शुरु हो रही हैं। इस सुविधा के बाद शताब्दी और राजधानी ट्रेनों में पेपर वाली टिकट नहीं मिलेगी, बल्कि आपके मोबाईल पर टिकट भेजा जाएगा। ................... 5) जल्द ही रेलवे अगल-अगल भाषाओं में टिकटिंग की सुविधा शुरु होने जा रही हैं। अभी तक रेलवे में हिंदी और अंग्रेजी में टिकट मिलती है, लेकिन नई वेबसाइट के बाद अब अलग-अगल भाषाओं में टिकट की बुकिंग की जा सकेगी। .................... 6)

राष्ट्रधर्म - चाणक्य निति

राष्ट्रधर्म__चाणक्यनीति। सम्राट चंद्रगुप्त अपने मंत्रियों के साथ एक विशेष मंत्रणा में व्यस्त थे कि प्रहरीने सूचित किया कि आचार्य चाणक्य राजभवन में पधार रहे हैं । सम्राट चकित रह गए । इस असमय में गुरु का आगमन ! वह घबरा भी गए । अभी वह कुछ सोचते ही कि लंबे-लंबे डग भरते चाणक्य ने सभा में प्रवेश किया । सम्राट चंद्रगुप्त सहित सभी सभासद सम्मान में उठ गए । सम्राट ने गुरूदेव को सिंहासन पर आसीन होने को कहा । आचार्य चाणक्य बोले – ”भावुक न बनो सम्राट, अभी तुम्हारे समक्ष तुम्हारा गुरु नहीं, तुम्हारे राज्य का एक याचक खड़ा है, मुझे कुछ याचना करनी है । ”चंद्रगुप्त की आँखें डबडबा आईं। बोले – ” आप आज्ञा दें, समस्त राजपाट आपके चरणों में डाल दूं ।” चाणक्य ने कहा – ” मैंने आपसे कहा भावना में न बहें, मेरी याचना सुनें । ” गुरूदेव की मुखमुद्रा देख सम्राट चंद्रगुप्त गंभीर हो गए । बोले -” आज्ञा दें । चाणक्य ने कहा– ” आज्ञा नहीं, याचना है कि मैं किसी निकटस्थ सघन वन में साधना करना चाहता हूं । दो माह के लिए राजकार्य से मुक्त कर दें और यह स्मरण रहे वन में अनावश्यक मुझसे कोई मिलने न आए । आप भी नहीं । मेरा उचित

प्रधानमंत्री मोदी जी के 7 सालों के कार्य का विवरण

प्रधानमंत्री बने सात साल पूरे हुए। देश की अपेक्षाओं के महासागर में कर्मवीर मेहनती मोदी के 7 साल  के काम का हिसाब 📌 अंतर्राष्ट्रीय सदस्यता: ● EBRD सदस्यता ● International Energy Agency ● Australia Group ● SCO सदस्यता ● Wassenaar Arrangement ● MTCR सदस्यता ● CREN ● Asian Infrastructure Investment Bank (AIIB) ● International Solar Alliance 📌 सुरक्षा समझौते: ● अमेरिका के साथ Military Logistic Pact 'LEMOA' ● फ्रांस के साथ Military Logistic Pact 'MLSA' ● साउथ कोरिया के साथ Military Logistic Pact ● जापान के साथ Cross Servicing Agreement 'ACSA' ● ऑस्ट्रेलिया के साथ MLSA pact ● रूस के साथ Military Logistic Pact ● 'सबांग पोर्ट' इंडोनेशिया तक पहुंच ● 'एसोम्शन आइलैंड' पर नौसेना बेस ● 'अगालेगा द्वीप' में सैन्य बेस ● ओमान में 'दुक्म पोर्ट' तक पहुंच ● श्रीलंका में 'त्रिंकोमाली पोर्ट' बनाने के लिए ● सिंगापुर के साथ समुद्री लॉजिस्टिक समझौता ● इज़राइल के साथ व्हाइट शिपिंग समझौता 📌 बड़े कदम: ● रिटायर्ड सैनिकों क