Geet_ Bandh Tow Bandhe Bahut_ बाँध तो बाँधे बहुत मैंने हृदय पर_LOKESH SH...
बाँध तो बाँधे बहुत मैंने हृदय पर,
पर ना जाने क्यूँ तुम्हारी याद आई !
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नील नभ के छोर से बादल घुमड़ कर,
प्यास पपीहे की बढ़ा दें जिस तरह से,
घोर मायूसी भरे वातावरण में,
आस दिल में तुम जगाते उस तरह से,
कब अँधेरे रोक पाय इक किरन को
जो कमल के अधर पर जा मुस्कुराए,
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बाँध तो बाँधे बहुत मैंने हृदय पर,
पर ना जाने क्यूँ तुम्हारी याद आई !
गीतकार – लोकेश शुक्ला
https://youtu.be/PC9OwaC2PwM
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