Ham To Hain Pardesh Mein | Live | Cover | Suman Singh
Ham To Hain Pardesh Mein | Live | Cover | Suman Singh
हम तो
हैं परदेस में देस में निकला होगा चाँद
अपनी रात
की छत पर कितना तन्हा होगा चाँद
जिन
आँखों में काजल बन कर तैरी काली रात
उन आँखों
में आँसू का इक क़तरा होगा चाँद
रात ने
ऐसा पेँच लगाया टूटी हाथ से डोर
आँगन
वाले नीम में जा कर अटका होगा चाँद
चाँद
बिना हर दिन यूँ बीता जैसे युग बीते
मेरे
बिना किस हाल में होगा कैसा होगा चाँद
- राही
मासूम रज़ा
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