SHAYARI 06-04-2023
मुझे शराब पिलाई गई है आँखों से,
मेरा नशा तो हजारों बरस में उतरेगा !
किसीको काँटों से चोट पहुंची किसी को फूलों ने मार डाला,
जो इस मुसीबत से बच गए थे उन्हें उसूलों ने मार डाला !
हाय उस मेले में तुम भी नहीं खोये हम भी,
फिर ज़रा देर को दिल खोल के रोये हम भी,
दो मिनट बाद कोई और मिली मेले में,
उसको घर ला के तब आराम से सोये हम भी !
- पापुलर मेरठी
सफ़र का एक नया सिलसिला बनाना है
अब आसमान तलक रास्ता बनाना है...
ये कांटें ये धूप ये पत्थर, इनसे कैसा डरना है,
राहें मुश्किल हो जाये छोड़ी थोड़ी जाती है !
सोच लो तो जवाब दे देना,
जाओ मोहलत है ज़िंदगी भर की !
ज़माने में जितनी परेशानियां हैं,
हमारी तुम्हारी मेहरबानियां हैं !
- आज़ाद कानपुरी
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