SHAYARI 24-04-2023
चार दिन
की जिन्दगी चार दिन का मेला है !
आया तू
अकेला जग में जायेगा भी अकेला ही !!
शिकायत तो बहुत हैं तेरे से ए जिन्दगी पर चुप इसलिए हैं !
क्योंकि जो तूने मुझे दिया है वह बहुतों के नसीब मे नही !!
एक चेहरे पर भी कितने चेहरे होते हैं !
लोग अंदर से कितने गहरे होते हैं !!
जो दिखाई देता है वो हमेशा सच नही होता साहब !
कही धोखे मे आंखे हैं तो कही आंखों के धोखे हैं !!
कहने वाले तो कुछ भी कह देते हैं !
कभी सोचा है सुनने वाले पर क्या गुजरती है !!
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