Mushira | Nustrat Ateeq_Gorakhpur | Jashn-E-Maujshaai | Saheb Smriti Fou...
ज़िंदगी इस तरह गुज़ारी है !
एक पल एक सदी पे भारी है !!
वो तो आँखों में ख़्वाब छोड़ गया !
अब तो नींदों की ज़िम्मेदारी है !!
-Nusrat Ateeq
ज़िंदगी इस तरह गुज़ारी है !
एक पल एक सदी पे भारी है !!
वो तो आँखों में ख़्वाब छोड़ गया !
अब तो नींदों की ज़िम्मेदारी है !!
-Nusrat Ateeq
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