Kavi Sammelan |Lokesh Shukla | Jashn-e-Maujshaahi | Saheb Smriti Foundat...
सुरभि बिखेरी जब से तुमने एकाकी मेरे जीवन में,
महक उठा है कोना कोना सूने सूने घर आँगन में !
भूल नहीं पाया मैं तेरे रतनारे नैनो की भाषा,
गंधों के कोमल वचनों ने बदली है जीवन परिभाषा !
लोकेश शुक्ल,
Kavi – Lokesh Shukla
Nizamat – Shafeeq Abdi
Jashn-E-Maushaahi 2023
12th All India Kavi Sammelan &
Mushira
Organaized by Saheb Smriti Foundation, Kanpur
14th October, 2023
---
Comments
Post a Comment