Ankh Jab Mushtaq Ho to Ghazal Hoti Hai_Short_Pradeep Srivastava
आंख जब मुश्ताक़ हो तो ग़ज़ल होती
है,
दिल को बस यही ग़म हो तो ग़ज़ल होती
है
शेर की बज़्म में अपना तो ये कहना
है अज़ीम
अपने महबूब का ग़म हो तो ग़ज़ल होती
है
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