होली पे ग़ज़ल

       

 होली पे ग़ज़ल

सामने प्याला रहे होली के दिन !
कोई प्यासा रहे होली के दिन !!

जल गई सारी बुराई आग मे !
जो रहे अच्छा रहे होली के दिन !!

रंग का त्यौहार है फ़ीका हो  !
रंग की बरखा रहे होली के  दिन !!|

आंख भी मिलती रहे उस आंख से !
तीर भी चलता रहे होली के  दिन !!|

प्यार और उल्फत में कंजूसी हो !
दिल भी ये दरिया रहे होली के दिन !!

आंख मे मस्ती भरी हो गुफ्तगू मे शहद हो !|
हर मज़ा मीठा रहे होली के दिन !!|

'रौनक़' उनकी शक्ल मैं  देखा करूँ !
दिल से दिल मिलता रहे होली के दिन !!|


- प्रदीप श्रीवास्तव  " रौनक़ कानपुरी "(COPY WRITE)

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