SHAYRI

मौसम को देख कर जो मेरा दिल मचल गया ।
आती हुई हवा का तभी रुख बदल गया ।।
मिलता नहीं करार मुझे जागने पे भी-
जो ख्वाब था हसीन वो अश्कों में ढल गया।।
-- सुनीता पाण्डेय 'सुरभि'

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