तू तौ आपै चतुर खिलाड़ी, रंगवा अइसन डारयो नायँ
तू तौ आपै चतुर खिलाड़ी, रंगवा
अइसन डारयो नायँ
तन मन दमकै दम - दम राजा सोवत भाग जगायो नायं
तोहरै रंगवा सब पर भारी,
जैसे चाहा रंगा खिलाड़ी,
तुम ख़ुश हो तो फिर दुनिया सारी
मैं का जानूँ कौन बिचारी,
हम तो तोहरे दर में मंगता, हमरी
लाज बचायो नायं
तू तौ आपै चतुर खिलाड़ी, रंगवा
अइसन डारयो नायँ
दिल से दिल में राह बनाऊं
नैन नैन से डोर लगाऊं,
एक तुम्ही पे ध्यान जमाऊं,
प्रीतम बस तुमको पा जाऊं,
दिल में हरदम ध्यान रहता, हमरी
आस निभायों नायँ,
तू तौ आपै चतुर खिलाड़ी, रंगवा
अइसन डारयो नायँ
तोहरा रंग बहुत मन भाया
डूब गई ये सारी काया ,
काया अंदर राम की माया
माया में है राम समाया,
मेरी ये विनती है दाता, हमका
भूल न जायों नायँ,
तू तौ आपै चतुर खिलाड़ी, रंगवा
अइसन डार
~ HAZARAT SHHAH MANZOOR AALAM KALANDAR MAUJSHAHI
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