बस एक वक़्त का ख़ंजर मेरी तलाश में है !


                    ** ग़ज़ल ** 
बस एक वक़्त का ख़ंजर  मेरी तलाश में है ! 
जो रोज़ भेस बदल कर मेरी तलाश में है !!

ये और बात है कि पहचानता नहीं है मुझे !
सुना है एक सितमगर मेरी तलाश में है !!

अधूरे ख़्वाबों से उकता के जिसको छोड़ दिया !
शिकन नसीब वो बिस्तर मेरी तलाश में है !!

ये मेरे घर की उदासी है और कुछ भी नहीं !!
दिया जलाये जो दर पर मेरी तलाश में है !!

अज़ीज़ हूँ मैं तुझे किस क़दर कि हर एक ग़म !
तेरी निगाह बचा कर मेरी तलाश में है !!

मैं एक क़तरा हूँ मेरा अलग वजूद तो है !
हुआ करे जो समंदर मेरी  तलाश में है !!

वो एक साया है अपना हो या पराया हो !
जनम जनम से बराबर मेरी तलाश में है !!

मैं देवता की तरह क़ैद अपने मंदिर में ! 
वो जिस्म से बाहर मेरी तलाश में है !!

~ कृष्ण बिहारी नूर 

Comments

Popular posts from this blog

SRI YOGI ADITYANATH- CHIEF MINISTER OF UTTAR PRADESH

आतिफ आउट सिद्धू पर बैंड

Ghazal Teri Tasveer Se Baat Ki Raat Bhar- Lyric- Safalt Saroj- Singer- P...