ग़ज़ल - कूचे मे तुम्हारे दीवाने उम्मीद लगाए बैठे हैं - Pradeep Srivastava...
आज से लगभग 28 वर्ष पूर्व मेरी गाई हुई ग़ज़ल को आप ज़रूर पसंद करेंगे
मतला कुछ यूं है :
कूचे मे तुम्हारे दीवाने उम्मीद लगाए बैठे है |
ना जाने वो कितने अरमा थे सीने से लगाए बैठे हैं !!
PRADEEP SRIVASTAVA,
# +91 9984555545
EMAIL - pradeep.ghazal@gmail.com
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