SHAYARI

बार बार रफू करता रहता हूँ,जिन्दगी की जेब !!
कम्बखत फिर भी, निकल जाते हैं खुशियों के कुछ लम्हें 
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ख़ैरियत में तुझसे मिलने आएगा ना कोई भी !
ऐ दिल-ए-नादां तुझे बीमार होना चाहिए !!
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जो झुकते हैं जिंदगी मे वो कायर नही होते हैं।
यह तो हुनर होता है हर रिश्ते को निभाने का।।
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बहुत दिनों में मोहब्बत को ये हुआ मालूम
जो तेरे हिज्र में गुज़री वो रात रात हुई
~फ़िराक़ गोरखपुरी
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मुद्दतें गुज़र गईं हिसाब नहीं किया,
न जाने अब किसके कितने रह गए हैं हम।
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