SHAYARI
खींचो न कमानों को न तलवार निकालो !
जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो !!
-अकबर इलाहाबादी
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वाइज़ के टोकने पे मैं क्यूँ रक्स रोक लूँ !*
उनका ये हुक़्म है के अभी नाचती रहूँ
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मैं ज़िंदगी की दुआ माँगने लगा हूँ बहुत
जो हो सके तो दुआओं को बे-असर कर दे
इफ़्तिख़ार आरिफ़
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माँगी थी एक बार दुआ हम ने मौत की !
शर्मिंदा आज तक हैं मियाँ ज़िंदगी से हम !!
अज्ञात
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कैसी लत लग गई,तेरे दीदार की..."
"देखूं तो दिल नहीं भरता,ना देखूं तो कहीं दिल नहीं लगता
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माँग लूँ तुझ से तुझी को कि सभी कुछ मिल जाए
सौ सवालों से यही एक सवाल अच्छा है
- अमीर मीनाई
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मुझे ज़िंदगी की दुआ देने वाले !
हँसी आ रही है तिरी सादगी पर !!
-गोपाल मित्तल
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जाते हो ख़ुदा-हाफ़िज़ हाँ इतनी गुज़ारिश है !
जब याद हम आ जाएँ मिलने की दुआ करना !!
-जलील मानिकपूरी
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