SHAYARI 28-02-2023
ज़रा सी देर में हम कैसे खोते उसको , तमाम उम्र नहीं झूठ बोलते उसको छोडना चाहो तो कमियाँ बहुत है मुझमे ..! मगर साथ निभाना चाहो तो खूबियाँ भी कम नहीं है...!! मैं जो हूँ मुझे रहने दे , हवा के जैसे बहने दे.! तन्हा सा मुसाफिर हूँ , मुझे तन्हा ही रहने दे.!! खोफ़-ए-मौत है किस कदर दुनिया में , खोफ़-ए-रब होता तो क्या बात थी ! कहीं भी हो , जहां भी हो , वहां खुश रहो दोस्त , मिलना जरूरी नहीं है , तुम्हारा रहना जरूरी है ! मेरी बात को वो समझता नहीं है ! अभी ज़िंदगी का तज़ुर्बा नहीं है !! यहां क़ातिलों की हुकूमत है यारों ! मेरे शहर में अब मसीहा नहीं है !! ~ नित्यानंद तुषार कभी दूरी इतनी ना बढ़ाएं कि , खुला हो दरवाजा फिर भी खटखटाना पड़े ! चिंता इतनी करो कि काम हो जाए , इतनी नहीं कि जिंदगी तमाम हो जाए ! मौत की मर्ज़ी वो जब चाहे आ जाए , सांसें लेना अपनी ज़िम्मेदारी है !