आसमान के माथे पर, सूरज ने लगाया चंदन,
आसमान के माथे पर, सूरज ने लगाया चंदन,
चहुँ ओर चीं चीं चूं चूं पंक्षी करते कलरव गुंजन,
अलसाई रात सो गई, हर तरफ फैला है उजाला,
हाथ जोड़कर आया, स्वीकार करो प्रातःका वंदन।
-राकेश नमित
आसमान के माथे पर, सूरज ने लगाया चंदन,
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