SHAYARI

इस खोज मे मत उलझें कि भगवान हैं या नहीं !

खोज यह रखें कि हम खुद इन्सान हैं या नही !!

For Ghazal Programme # +91 9140886598  

मिट्टी का जिस्म लेकर पानी के घर में हूँ !

मंजिल है मौत मेरी और मैं हरपल सफ़र में हूँ !!

होगा कत्ल मेरा पता है मुझको पर !

ये मालूम नहीं कि मैं किस क़ातिल की नज़र में हूँ !!     

For Ghazal Programme # +91 9140886598      

--

जब किस्मत और हालात खराब हों तो !

बहुत कुछ सुनना और सहना पडता है !!

--

यहां तो खुद से ही मिले जमाना हो गया साहब !

और लोग कहते हैं कि हमें भूल गए हो तुम !!   

--

हम जा रहे हैं वहां जहाँ दिल की हो क़दर !

बैठे रहो तुम अपनी अदायें लिये हुए !! 

--

शौक पालने की उम्र मे जो सब्र करना सीख गया !

जिन्दगी की आधी जंग वो ऐसे ही जीत गया !!   

For Ghazal Programme # +91 9140886598     

 


   
  



    


 

Comments

Popular posts from this blog

GHAZAL LYRIC- झील सी ऑंखें शोख अदाएं - शायर: जौहर कानपुरी

Ye Kahan Aa Gaye Hum_Lyric_Film Silsila_Singer Lata Ji & Amitabh ji

SUFI_ NAMAN KARU MAIN GURU CHARNAN KI_HAZRAT MANZUR ALAM SHAH