Mushaira_Chandni Pandey_रिश्तों की जब धूप निखरने लगती है_Saheb Smriti Fo...
Mushaira_Chandni
Pandey_Saheb Smriti Foundation_Kanpur_12th October,, 2025
दिनांक 12 अक्टूबर 2025 को कानपुर के मर्चेन्ट चेम्बर
प्रेक्षागार, मे चौदहवाँ राष्ट्रीय कवि सम्मेलन एवं मुशायरा “नारी तू नारायणी” का
आयोजन साहेब स्मृति फाउंडेशन के द्वारा संस्था की संस्थापक एवं अध्यक्षा डॉक्टर
इरा मिश्रा जी की संरक्षता मे विश्वप्रसिद्ध सूफ़ी संत हज़रत मंज़ूर आलम शाह साहेब की
याद मे प्रत्येक वर्ष आयोजित किया जाता है | इस कार्यक्रम मे देश के विभिन्न शहरों
से शायराओं और कवित्रीयों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत की | कानपुर की जानीमानी
कवियित्री और शायरा चाँदनी पांडे ने अपनी रचनाए प्रस्तुत की ! उम्मीद करता हूँ कि यह वीडियो आपको पसंद आएगा |
साहेब स्मृति फाउंडेशन,
कानपुर
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रिश्तों की जब धूप निखरने लगती है,
तब आँखों की बर्फ़ पिघलने लगती है !
तुम आँखों से ओझल जब हो जाते हो,
साँसों की तरतीब बिगड़ने लगती है !
-चाँदनी पांडे
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