मन की बात
खाने को न भाजपा देती है न ही कोंग्रेस।
पर बात जब राष्ट्र और राष्ट्रभक्ति की आती है
तो हाथ अपने आप कमल की ओर बढ़ जाता है।
एक बात सोच लेना-
वोट उसी पार्टी को देना जिसकी जीत का जश्न
हिंदुस्तानी मनायें, उस पार्टी को गलती से भी
वोट मत देना जिसकी जीत का जश्न पाकिस्तानी मनाएं।।
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