ग़ज़ल
पास जाने का खुदा के रास्ता है जिंदगी।
खो गईं जो मंजिलें उनका पता है जिंदगी।
प्यार पाने की तमन्ना हाथ से सब ले उड़ी।
उम्र भर भटका यहां वो काफिला है जिंदगी।
गलतियां खुद की कभी मानी नहीं हमने यहां।
धूल जिस पर थी जमी वो आईना है जिंदगी।
दो कदम पर यार था और दो कदम पर हम रहे।
पास रहकर ना मिटा वो फासला है जिंदगी।
मार दे या छोड़ दे सब हाथ तेरे है सनम।
तू खुदा है और खुदा का फैसला है जिंदगी।
-मनोज यादव
कानपुर उत्तरप्रदेश
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