SHAYRI - JIGAR MURADABADI - KAH GAI....


कह गयी कान में आकर तेरे दामन की हवा
साहिबे-होश वही है के जिसे होश नहीं.
कभी उन मदभरी आँखों से पिया था इक जाम
आज तक होश नहीं होश नहीं होश नहीं.
~ जिगर मुरादाबादी

Comments

Popular posts from this blog

SRI YOGI ADITYANATH- CHIEF MINISTER OF UTTAR PRADESH

आतिफ आउट सिद्धू पर बैंड

Ghazal Teri Tasveer Se Baat Ki Raat Bhar- Lyric- Safalt Saroj- Singer- P...