Ghazal

जी चाहें फिर आज हमारा यार तुम्हारे हो जाएं
कश्ती बनके बह जाएं और दूर किनारे हो जाएं।

शुक्र अता कर दो अपना जो खामोशी से हैं बैठे
शेर अगर जो अर्ज़ करें तो पागल सारे हो जाएं।

जिनके ख्वाबों में आने की हसरत लेकर सोते हैं
वो जो मिलने आ जाएं तो वारे न्यारे हो जाएं।

उनके घर के चार दरीचों से हम मिन्नत करते हैं
कम से कम इतना कर दो हम उनको प्यारे हो जाएं।

बिन उनके जीना मुश्किल अब होता जाता दोस्त मिरे
यार सिफारिश ये कर दो वो आज हमारे हो जाएं।

सुब्ह से' इक आस लिए ये *पाठक* था छज्जे पर बैठा
बस एक दफ़ा छत पर आएं वो और इशारे हो जाएं।

---आनंद पाठक---
बरेली (उत्तर प्रदेश)
-09557606700
-07017654822

Comments

Popular posts from this blog

SRI YOGI ADITYANATH- CHIEF MINISTER OF UTTAR PRADESH

आतिफ आउट सिद्धू पर बैंड

Ghazal Teri Tasveer Se Baat Ki Raat Bhar- Lyric- Safalt Saroj- Singer- P...