PATHAR KE SANAM 1967 – RAFI
PATHAR KE SANAM 1967 – RAFI
पत्थर के सनमss, तुझे हमनेss मोहब्बत काs खुदा जाना -2
बड़ी भूल हुयी, अरे हम ने, ये क्या समझा, ये क्या जाना
पत्थर के सनमss,
----------
चेहरा तेरा, दिल में लिए, चलते रहे अंगारों पे
तू हो कही,
तू हो कही, सजदे किये, हमने तेरे रुखसारो के
हमसा ना होss, कोई दीsवाsनाs
पत्थर के सनम, तुझे हमने मोहब्बत का खुदा जाना
पत्थर के सनमss,
----------
सोचा था ये, बढ़ जायेगी, तनहईयाँ जब रातों की
रास्ता हमे – 2 दिखलाएगी, शम्मे
वफ़ा उन हाथों की
ठोकर लगीss, तब पहचानाs
पत्थर के सनम, तुझे हमने मोहब्बत का खुदा जाना
पत्थर के सनमss,
----------
ऐ काश के, होती खबर, तूने किसे ठुकराया हैं
शीशा नहीं - 2, सागर नहीं, मन्दिर सा एक दिल ढाया हैं
ता आसमां,
हैं वीराना
पत्थर के सनम, तुझे हमने मोहब्बत का खुदा जाना
बड़ी भूल हुयी, अरे हम ने, ये क्या समझा, ये क्या जाना
पत्थर के सनमss,
----------
Music
– Laxmikant Pyare lal
Lyric
– Mazrooh Sultanpuri
https://youtu.be/Ij20-IEUTjg
Comments
Post a Comment