मुशायरा - अभी था पानी पे सर उठाए, मगर वो अब बुलबुला कहाँ है - FAROOQ JAISI



अभी था पानी पे सर उठाए, मगर वो अब बुलबुला कहाँ है !
इसी तरह ज़मी पे इंसा, मगर कोई सोचता कहाँ है !!
जला जला कर जो राख़ करदे, मिटा मिटा कर जो ख़ाक कर दे !
तेरी मोहब्बत का मेरे दिल पर, अभी वो
शोला उठा कहाँ है !!
SHAYAR
– FAROOQ JAISI
https://youtu.be/8PICMP__7GE

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