Ghazal_Wo Lagawat Ka Ishara Nahi Hone Dete_वो लगावट का इशारा नहीं होने द...

GHAZAL

वो लगावट का इशारा नहीं होने देते,

हम भी इजहारे तमन्ना नहीं होने देते !

सारे इल्ज़ाम लिए फिरते हैं अपने सर पर,

हम उन्झें शहर में रुसवा नहीं होने देते !

तीर नज़रों के चला देते हैं ज़ख्मे दिल पर,

हुस्न वाले हमें अच्छा नहीं होने देते !

उम्र गुज़री वो किसी के हुए आज तलक,

और किसी को भी वो अपना नहीं होने देते !

घेर लेते हैं ख्याले रूखे जाना के हुजूम,

हमको खल्वत में भी तनहा नहीं होने देते !

वक़्त की गर्दिशें महफूज़ है अपने यार,

हम इस आइने को धुंधला नहीं होने देते !

प्रेम के देश में नफ़रत के पुजारी हैं बहुत,

चाहने वालों को यक़ जां नहीं होने देते !

झूट का शोरे सजा देते हैं चैनल चैनल,

सच की आवाज़ को ऊंचा नहीं होने देते !

मतलबी हो गए हम लोग कुछ ऐसे फ़ारूक़,

बेतलब एक भी सजदा नहीं होने देते !

- फ़ारूक़ जायसी

https://youtu.be/3yYyQNZXRLU


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