Ghazal_Wo Lagawat Ka Ishara Nahi Hone Dete_वो लगावट का इशारा नहीं होने द...
GHAZAL
वो लगावट का
इशारा नहीं होने देते,
हम भी इजहारे तमन्ना नहीं होने देते !
सारे इल्ज़ाम लिए
फिरते हैं अपने सर पर,
हम उन्झें शहर
में रुसवा नहीं होने देते !
तीर नज़रों के
चला देते हैं
ज़ख्मे दिल पर,
हुस्न वाले हमें अच्छा नहीं होने देते !
उम्र गुज़री वो
किसी के न
हुए आज तलक,
और किसी को
भी वो अपना नहीं होने देते !
घेर लेते हैं
ख्याले रूखे जाना के हुजूम,
हमको खल्वत में
भी तनहा नहीं होने देते !
वक़्त की गर्दिशें महफूज़ है अपने यार,
हम इस आइने को धुंधला नहीं होने देते !
प्रेम के देश
में नफ़रत के
पुजारी हैं बहुत,
चाहने वालों को
यक़ जां नहीं होने देते !
झूट का शोरे सजा देते हैं
चैनल चैनल,
सच की आवाज़ को ऊंचा नहीं होने देते !
मतलबी हो गए
हम लोग कुछ
ऐसे फ़ारूक़,
बेतलब एक भी
सजदा नहीं होने देते !
- फ़ारूक़ जायसी
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