Guzrey Huye Dino Mein_गुज़रे हुए दिनों में पलट कर नहीं गए_Akhtar Kanpuri_...
MUSHAIRA-
गुज़रे
हुए दिनों में पलट कर नहीं गए,
एक
बार घर से निकले तो फिर घर नहीं गए !
हमसे
बिछड़ के खुश हो अगर तुम तो खुश रहो,
तुम
से बिछड़ के हम भी कोई मर नहीं गए !
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हाफ़िज़ अख्तर ‘अख्तर कानपुरी’
https://youtu.be/K3pVuShrw9Q
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