Wo Jo Ankhon Mein Adawat Liye_वो जो आँखों में अदावत लिए आये थे कभी_Atul ...
ग़ज़ल
वो जो आँखों में अदावत लिए आये थे कभी,
आज लगता है नहीं वो भी पराये थे कभीं !
इनकी ताबीर भी देखेगी ये दुनिया एक
दिन,
ख्व़ाब आँखों में तेरी हमने सजाये थे
कभी !
- अतुल बाजपेई ‘दिलबर’
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