SHAYARI 06.09.2022
तोड़
कर जोड़ लीजिए दुनियां की हर चीज़ !
सब
कुछ मरम्मत-ए-क़ाबिल है ऐतबार के सिवा !!
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बादलों की ओट से किसी दिन,तो सूरज निकलेगा जरूर !
सफर जारी रखिए जिंदगी का, एक दिन तो वक्त बदलेगा जरूर !!
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उजड़ा-उजड़ा
सा हर शहर लगता है,
हमें
तो कुदरत का कहर लगता है !!
इंसान
ने भी क्या की ऐसी तरक्की कि !
इंसान
को इंसान से ही डर लगता है !!
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लोग कहते हैं जो हंसा उसका घर बसा !
पर जिसका घर बसा उससे पूछो वह फिर कब हंसा !!
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भाग्य बदल जाता है जब इरादे मजबूत हो !
वरना जीवन बीत जाता है किस्मत को दोष देने में !!
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ख़ुद मझधार में
होकर भी, जो औरों का साहिल होता है,
ईश्वर भी उसी को
जिम्मेदारी देता है, जो निभाने के काबिल होता है !
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प्रेम की बात ज़माने
में निराली देखी,,
प्रेम से प्रेम
की फल फूलती डाली देखी,
प्रेम इंसान को
इंसान बना देता है,
प्रेम पत्थर को
भी भगवान बना देता है !
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