SHAYARI-25.09.2022
कोई मौसम हो
मोहब्बत की हवा लेता है,
मेरा किरदार
बुज़ुर्गों की दुआ लेता है !
रोज़ करता है
मेरी जान पर दुश्मन हमला,
मेरा अल्लाह
मुझे रोज़ बचा लेता है !
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ज़र्रों को
चट्टान बना दो या अल्लाह,
वहशी को इंसान
बना दे या अल्लाह !
ये हिन्दू
मुस्लिम एक ही थाली में खाएं,
ऐसा हिन्दुस्तान
बना दे या अल्लाह !
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यह मत समझ कि तेरे काबिल नहीं है हम,
तड़प रहे हैं वो जिसे हासिल नहीं हैं हम !
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वक्त सबको मिलता है जिंदगी बदलने के लिए,
पर जिंदगी दोबारा नहीं मिलती, वक्त बदलने के लिए !
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घर पर रहो तो निकम्मा कहते, बाहर रहो तो आवारा,
आज तो घर पर ही रहेंगे, क्यों किजिंदगी नहीं मिलेगी दोबारा !
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शहरों का सन्नाटा सिर्फ ये बता रहा है,
इंसान ने कुदरत को़ नाराज़ बहुत किया है !!
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फन
कुचलने के हुनर सीखिये जनाब
साँपो
के होने से जंगल नहीं छोड़ा करते
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जज्बातों
की मौत ही असली मौत होती है !
फिर
सांसों का चलना ज़िंदगी नहीं होती !!
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मुश्किल
नही है कुछ दुनिया में तू जरा हिम्मत तो कर,
ख्वाब
बदलेंगे हकीकत में तू जरा कोशिश तो कर !
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मन्नते
मांग रहे हैं लोग उस सितारे से,
जिसे
खुद नहीं पता कि वो कहां जा के गिरेगा !
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