Mushira|Shabana Shabnam (Indore) | Jashn-E-Maujshaai|Saheb Smriti Founda...
मैंने जब भी तेरी तहरीर से बातें की हैं,
यूँ लगा जैसे अभी मीर से बातें की हैं !
हिचकियाँ कल भी यक़ीनन तुझे आई होंगी,
मैंने दिन भर तेरी तस्वीर से बातें की हैं !
- शबाना शबनम
मैंने जब भी तेरी तहरीर से बातें की हैं,
यूँ लगा जैसे अभी मीर से बातें की हैं !
हिचकियाँ कल भी यक़ीनन तुझे आई होंगी,
मैंने दिन भर तेरी तस्वीर से बातें की हैं !
- शबाना शबनम
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