SHAYARI
संबंधों की गहराई का हुनर पेडों से सीखिए !
जडों में चोट लगते ही शाखें सूख जाती हैं !!
एक आंसू भी गिरता है तो लोग हजार
सवाल पूछते हैं !
ए बचपन तू लौट आ मुझे खुलकर रोना है
!!
मुझे कहां मालूम था कि सुख और उम्र की आपस मे नही बनती !
कडी मेहनत के बाद सुख को घर लाया तो उम्र नाराज होकर चली गई !!
For Ghazal Programme # +91 9140886598
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